धनबाद
झरिया के राजापुर कोलियरी से सटे एक बंद पड़े परियोजना से निकल रहे गैस से
पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है। लोगों में अफरा- तफरी मची हुई है। पूरा
क्षेत्र काले धुएं से भर गया है। लोगों को राह चलना भी मुश्किल हो गया है।
पांच से सात सौ की आबादी इस गैस की चपेट में आ गयी है। बीसीसीएल के राजापुर
कोलियरी प्रबंधक की ओर से गैस को नियंत्रित करने के लिए डोजरिंग का काम
शुरू कर दिया गया है, लेकिन अभी तक गैस के रिसाव को रोका नहीं जा सका
है।गैस रिसाव के कारण दोबारी, राजापुर बस्ती, सहाना पहाड़ी और घनुडीह और
रजवार बस्ती के लोगों की परेशानी बढ़ गयी है। लोगों की आंखों में जलन का
अनुभव हो रहा है। परियोजना के समीप स्थित रजवार बस्ती में रहने वाले अशोक
रजवार, रामजीत राम और संतोष प्रसाद के अनुसार जिस परियोजना से गैस का रिसाव
हो रहा है वह 15 वर्षो से बंद है। वहां उत्पादन का काम नहीं होता है।
भूमिगत आग के कारण इसे बंद किया गया है। परियोजना के बंद होने के कारण
प्रबंधन ने भी इस ओर ध्यान देना बंद कर दिया है। इसी का फायदा उठाकर कोयला
चोर भी सक्रिय हो गये। चोरों ने अवैध उत्खनन के चक्कर में कई मुंहाना खोल
दिया। सोमवार को दोपहर बाद इन्हीं मुंहानों से विस्फोट के साथ गैस निकलने
लगा, जो मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी है।
प्रबंधन की ओर से इसे रोकने के लिए मुंहाने को भरने का काम तो शुरू किया
गया है, लेकिन रिसाव को पूरी तरह अभी तक नहीं रोका जा सका है। गैस के कारण
कल से ही दोबारी बस्ती स्थित प्राथमिक स्कूल में बच्चों ने आना छोड़ दिया
है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जमीन के नीचे लगी आग ही इसका मुख्य कारण
है। आग बुझाने के लिए केवल मुंहाने को बंद किया जाता है, जबकि नीचे की आग
को नहीं बुझाया जाता है। आग के दबाव के कारण ही गैस विस्फोट कर निकल जाता
है। दोबारी में भी यही हुआ है। इधर गैस के बढ़ते प्रभाव को देख बीसीसीएल
प्रबंधन ने भी अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। बस्ताकोला और कुस्तौर क्षेत्र
के अधिकारियों को स्थिति पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है।
झरिया के राजापुर कोलियरी से सटे एक बंद पड़े परियोजना से निकल रहे गैस से
पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है। लोगों में अफरा- तफरी मची हुई है। पूरा
क्षेत्र काले धुएं से भर गया है। लोगों को राह चलना भी मुश्किल हो गया है।
पांच से सात सौ की आबादी इस गैस की चपेट में आ गयी है। बीसीसीएल के राजापुर
कोलियरी प्रबंधक की ओर से गैस को नियंत्रित करने के लिए डोजरिंग का काम
शुरू कर दिया गया है, लेकिन अभी तक गैस के रिसाव को रोका नहीं जा सका
है।गैस रिसाव के कारण दोबारी, राजापुर बस्ती, सहाना पहाड़ी और घनुडीह और
रजवार बस्ती के लोगों की परेशानी बढ़ गयी है। लोगों की आंखों में जलन का
अनुभव हो रहा है। परियोजना के समीप स्थित रजवार बस्ती में रहने वाले अशोक
रजवार, रामजीत राम और संतोष प्रसाद के अनुसार जिस परियोजना से गैस का रिसाव
हो रहा है वह 15 वर्षो से बंद है। वहां उत्पादन का काम नहीं होता है।
भूमिगत आग के कारण इसे बंद किया गया है। परियोजना के बंद होने के कारण
प्रबंधन ने भी इस ओर ध्यान देना बंद कर दिया है। इसी का फायदा उठाकर कोयला
चोर भी सक्रिय हो गये। चोरों ने अवैध उत्खनन के चक्कर में कई मुंहाना खोल
दिया। सोमवार को दोपहर बाद इन्हीं मुंहानों से विस्फोट के साथ गैस निकलने
लगा, जो मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी है।
प्रबंधन की ओर से इसे रोकने के लिए मुंहाने को भरने का काम तो शुरू किया
गया है, लेकिन रिसाव को पूरी तरह अभी तक नहीं रोका जा सका है। गैस के कारण
कल से ही दोबारी बस्ती स्थित प्राथमिक स्कूल में बच्चों ने आना छोड़ दिया
है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जमीन के नीचे लगी आग ही इसका मुख्य कारण
है। आग बुझाने के लिए केवल मुंहाने को बंद किया जाता है, जबकि नीचे की आग
को नहीं बुझाया जाता है। आग के दबाव के कारण ही गैस विस्फोट कर निकल जाता
है। दोबारी में भी यही हुआ है। इधर गैस के बढ़ते प्रभाव को देख बीसीसीएल
प्रबंधन ने भी अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। बस्ताकोला और कुस्तौर क्षेत्र
के अधिकारियों को स्थिति पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है।