नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। महंगाई की दर में हाल के हफ्तों में नरमी
के बावजूद घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग उद्योग बहुत आशावान नहीं है।
मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों का कहना है कि महंगाई की मौजूदा
दर भी उनके लिए खतरनाक है। मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों की दशा व दिशा पर
प्रमुख उद्योग चैंबर सीआईआई का ताजा सर्वेक्षण में यह बात उभरकर आई है। इस
साल अक्टूबर में महंगाई की मासिक दर साढ़े आठ फीसदी से ज्यादा रही है।
चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीने में बेहतर प्रदर्शन के बावजूद इन
कंपनियों का कहना है कि महंगाई की दर में वृद्धि और कच्चे माल की बढ़ती
लागत उनके विकास को आने वाले महीनों में अवरुद्ध कर सकती है।
सर्वे के मुताबिक अगर रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों को और बढ़ाया तो इन
कंपनियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। ब्याज दरों में
वृद्धि की संभावना को देखकर ही इन कंपनियों का कहना है कि अभी भी महंगाई को
अन्य तरीके से काबू में लाने की हरसंभव कोशिश की जानी चाहिए। वैसे 127
मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्रों पर किए गए इस सर्वे में 43 क्षेत्रों ने अप्रैल
से अक्टूबर, 2010 के दौरान शानदार प्रदर्शन किया है। इनकी वृद्धि दर 20
फीसदी से ज्यादा रही है, जबकि 14 क्षेत्रों का प्रदर्शन संतोषजनक रहा है।
बेहतर प्रदर्शन करने वाले उद्योगों में अल्युमिनियम [22.2 फीसदी],
नाइट्रोजन फर्टिलाइजर [21.7 फीसदी], प्राकृतिक गैस [25.2 फीसदी], स्पांज
आयरन [27.23 फीसदी], स्विच गियर ]27.28 फीसदी), इलेक्ट्रिकल वायर [27.24
फीसदी] शामिल हैं। सीमेंट, डीजल, फर्टिलाइजर्स, टैक्सटाइल मशीनरी की वृद्धि
दर बहुत खास नहीं रही है। पॉलिएस्टर फिलामेंट्स, पॉलिएस्टर फाइबर, नारियल
तेल उद्योग में तो गिरावट का रुख रहा है।
सर्वेक्षण से यह भी साफ होता है कि पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना
में इस वर्ष ज्यादा उद्योगों ने 20 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि हासिल की है।
हालांकि पिछले वर्ष भी महंगाई की बढ़ती दर इनके लिए समस्या थी और इस वर्ष
भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है।
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी का कहना है कि महंगाई की दर और
कच्चे माल की लागत के अलावा ढांचागत क्षेत्र भी मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों
के लिए काफी समस्या पैदा कर रहा है। चूंकि मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र न सिर्फ
आर्थिक विकास दर को काफी प्रभावित करता है, बल्कि यह रोजगार सृजन में भी
काफी अहम भूमिका निभाता है। इसलिए सरकार को इन मुद्दों पर ज्यादा ध्यान
देने की जरूरत है।