1852 एकड़ जमीन में इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप (आईएमटी) बनाने के लिए धारा चार का नोटिस दे दिया है।
वहीं अम्बाला की सांसद एवं केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा ने उपजाऊ जमीन के
अधिग्रहण को कांग्रेस की नीतियों के खिलाफ बताया है। रविवार को शैलजा ने
किसानों को भरोसा दिलाया कि वह इस मामले को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी
के समक्ष उठाएंगी। अगले कुछ दिनों में ही इस मामले में रिस्पांस मिलने का
भरोसा भी दिलाया।
रविवार सुबह आठ बजे ही जमीन बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले सैकड़ों किसान
अम्बाला कैंट में डुरंड रोड स्थित सांसद के निवास पर पहुंच गए थे। करीब
पौने दस बजे उनकी सांसद से मुलाकात हुई। किसानों के तर्क सुनने के बाद
शैलजा ने कहा कि उपजाऊ जमीन का अधिग्रहण कांग्रेस की विकास नीतियों के
खिलाफ है। संघर्ष समिति के प्रधान सूबेदार बलवंत सिंह ने कुमारी शैलजा को
स्पष्ट शब्दों में कहा कि सवाल जमीन का मुआवजा बढ़वाने का नहीं बल्कि जमीन
बचाने व किसानों के विस्थापन को रोकने का है।
अगर किसानों की सारी खेती लायक जमीन का अधिग्रहण कर लिया जाएगा तो किसानों
के पास यूपी- बिहार के खेतीहर मजदूरों की तरह दूसरे इलाकों में रोजगार
तलाशने के सिवाय कोई दूसरा विकल्प नहीं होगा। इस पर कुमारी शैलजा ने कहा कि
किसानों के विस्थापन की नौबत किसी भी कीमत पर नहीं आने दी जाएगी।
‘विकास के नाम पर किसी को उजाड़ती नहीं कांग्रेस’
केंद्रीय मंत्री ने प्रस्तावित आईएमटी के लिए किए जा रहे उपजाऊ जमीन के
अधिग्रहण को कांग्रेस की नीतियों के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस
विकास में विश्वास रखती है लेकिन विकास के नाम पर किसी को उजाड़ा नहीं जा
सकता। किसी भी कांग्रेस शासित राज्य में सरकारी परियोजनाओं के लिए उपजाऊ
जमीन का अधिग्रहण नहीं करने का फैसला किया गया है।
इसी आधार पर वे पंजोखरा व आसपास के गांवों की जमीन अधिग्रहण का मामला संसद
में भी उठाएंगी। गौरतलब है कि कांग्रेस के सितंबर 2009 में हुए नैनीताल
राष्ट्रीय अधिवेशन में कांग्रेस शासित राज्यों में विकास परियोजनाओं के
नाम पर उपजाऊ जमीन का अधिग्रहण नहीं करने का फैसला लिया गया था।
नोटिस रद्द न हुआ तो कई और गवांएंगे जान
पंजोखरा में ही बीएसएफ के लिए अधिग्रहण की गई 68.5 एकड़ जमीन के मालिकों
में से एक बैसाखी राम की मुआवजा राशि मिलने के अगले दिन ही सदमे से हुई मौत
का मामला भी संघर्ष समिति ने केंद्रीय मंत्री के सामने उठाया। किसानों ने
सामूहिक तौर पर कहा कि अगर सरकार ने आईएमटी के लिए जमीन अधिग्रहण करने के
लिए भूमि अर्जनअधिनियम की धारा चार का नोटिस रद्द नहीं किया गया ऐसी और भी
मौतें हो सकती हैं। क्योंकि जमीन से किसान का भावनात्मक रिश्ता होता है।
कांग्रेसी नेता बोले: पहले साहा ग्रोथ सेंटर बने
अभी तक भाजपा व इनेलो तो आईएमटी के विरोध में खुलकर मैदान में आ चुकी है
मगर रविवार को शैलजा से मुलाकात के दौरान कांग्रेसी नेताओं ने भी किसानों
का पक्ष रखा। यूथ कांग्रेस के लोकसभा प्रभारी हिम्मत सिंह ने कहा कि जब तक
जिले में बनने वाले साहा ग्रोथ सेंटर का पूरी तरह से विकास नहीं जाता तब तक
आईएमटी का निर्माण करना ही गलत है। सरकार को पहले साहा ग्रोथ सेंटर का
विकास करना चाहिए।
वहीं अम्बाला की सांसद एवं केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा ने उपजाऊ जमीन के
अधिग्रहण को कांग्रेस की नीतियों के खिलाफ बताया है। रविवार को शैलजा ने
किसानों को भरोसा दिलाया कि वह इस मामले को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी
के समक्ष उठाएंगी। अगले कुछ दिनों में ही इस मामले में रिस्पांस मिलने का
भरोसा भी दिलाया।
रविवार सुबह आठ बजे ही जमीन बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले सैकड़ों किसान
अम्बाला कैंट में डुरंड रोड स्थित सांसद के निवास पर पहुंच गए थे। करीब
पौने दस बजे उनकी सांसद से मुलाकात हुई। किसानों के तर्क सुनने के बाद
शैलजा ने कहा कि उपजाऊ जमीन का अधिग्रहण कांग्रेस की विकास नीतियों के
खिलाफ है। संघर्ष समिति के प्रधान सूबेदार बलवंत सिंह ने कुमारी शैलजा को
स्पष्ट शब्दों में कहा कि सवाल जमीन का मुआवजा बढ़वाने का नहीं बल्कि जमीन
बचाने व किसानों के विस्थापन को रोकने का है।
अगर किसानों की सारी खेती लायक जमीन का अधिग्रहण कर लिया जाएगा तो किसानों
के पास यूपी- बिहार के खेतीहर मजदूरों की तरह दूसरे इलाकों में रोजगार
तलाशने के सिवाय कोई दूसरा विकल्प नहीं होगा। इस पर कुमारी शैलजा ने कहा कि
किसानों के विस्थापन की नौबत किसी भी कीमत पर नहीं आने दी जाएगी।
‘विकास के नाम पर किसी को उजाड़ती नहीं कांग्रेस’
केंद्रीय मंत्री ने प्रस्तावित आईएमटी के लिए किए जा रहे उपजाऊ जमीन के
अधिग्रहण को कांग्रेस की नीतियों के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस
विकास में विश्वास रखती है लेकिन विकास के नाम पर किसी को उजाड़ा नहीं जा
सकता। किसी भी कांग्रेस शासित राज्य में सरकारी परियोजनाओं के लिए उपजाऊ
जमीन का अधिग्रहण नहीं करने का फैसला किया गया है।
इसी आधार पर वे पंजोखरा व आसपास के गांवों की जमीन अधिग्रहण का मामला संसद
में भी उठाएंगी। गौरतलब है कि कांग्रेस के सितंबर 2009 में हुए नैनीताल
राष्ट्रीय अधिवेशन में कांग्रेस शासित राज्यों में विकास परियोजनाओं के
नाम पर उपजाऊ जमीन का अधिग्रहण नहीं करने का फैसला लिया गया था।
नोटिस रद्द न हुआ तो कई और गवांएंगे जान
पंजोखरा में ही बीएसएफ के लिए अधिग्रहण की गई 68.5 एकड़ जमीन के मालिकों
में से एक बैसाखी राम की मुआवजा राशि मिलने के अगले दिन ही सदमे से हुई मौत
का मामला भी संघर्ष समिति ने केंद्रीय मंत्री के सामने उठाया। किसानों ने
सामूहिक तौर पर कहा कि अगर सरकार ने आईएमटी के लिए जमीन अधिग्रहण करने के
लिए भूमि अर्जनअधिनियम की धारा चार का नोटिस रद्द नहीं किया गया ऐसी और भी
मौतें हो सकती हैं। क्योंकि जमीन से किसान का भावनात्मक रिश्ता होता है।
कांग्रेसी नेता बोले: पहले साहा ग्रोथ सेंटर बने
अभी तक भाजपा व इनेलो तो आईएमटी के विरोध में खुलकर मैदान में आ चुकी है
मगर रविवार को शैलजा से मुलाकात के दौरान कांग्रेसी नेताओं ने भी किसानों
का पक्ष रखा। यूथ कांग्रेस के लोकसभा प्रभारी हिम्मत सिंह ने कहा कि जब तक
जिले में बनने वाले साहा ग्रोथ सेंटर का पूरी तरह से विकास नहीं जाता तब तक
आईएमटी का निर्माण करना ही गलत है। सरकार को पहले साहा ग्रोथ सेंटर का
विकास करना चाहिए।