साथ छोड़ गए लोकमित्र

हिमाचल। लोगों को गांव में ही सारी सुविधाएं मुहैया करवाने का सरकार
का सपना टूटता नजर आ रहा है। लोकमित्र केंद्रों के नाम पर सरकार ने एक लाख
रुपये की जमीन गिरवी रखवा ली और दस हजार रुपये बतौर सिक्योरिटी ले लिए, मगर
इसका नतीजा शून्य रहा। हमीरपुर जिले में प्रदेश सरकार का लोकमित्र पायलट
प्रोजेक्ट फेल हो गया है।

सरकार ने प्रोजेक्ट के आधार पर पूरे प्रदेश में लोकमित्र योजना लागू
करने का निर्णय लिया है जिस पर तीव्र गति से कार्य हो रहा है। अहम प्रश्न
यह है कि जब मुख्यमंत्री के गृह जिला हमीरपुर में ही पायलट प्रोजेक्ट सफल
नहीं हुआ तो इसका पूरे प्रदेश में क्या हश्र होगा, यह आसानी से समझा जा
सकता है। हमीरपुर जिले में आठ मई 2001 को लोकमित्र पायलट प्रोजेक्ट की
शुरुआत हुई थी। हमीरपुर जिले में 24 लोक मित्र केंद्र खोले गए थे। सरकार ने
सिक्योरिटी व जमीन गिरवी रखवाकर लोकमित्र सूचना केंद्रों में काम करने
वाले कर्मचारी को कंप्यूटर सिस्टम, मॉडम, प्रिंटर आदि दिया था। लोकमित्र
केंद्रों का मुख्य उद्देश्य लोगों से नाममात्र राशि लेकर उनकी विभिन्न
समस्याएं इंटरनेट के माध्यम से प्रशासन तक पहुंचाना और सरकार द्वारा चलाई
जा रही योजनाओं की जानकारी ग्रामीण जनता को मुहैया करवाना था। लोगों की
समस्याएं तय समय में सुलझाई जानी थीं। ऐसा न हो सका और समस्याओं के निपटारे
में हो रही देरी के कारण पायलट प्रोजेक्ट ने दम तोड़ दिया। लोकमित्र सूचकों
के साथ हमीरपुर के एसडीएम की अध्यक्षता में गत दिनों बैठक हुई। इसमें
सूचकों को बताया गया कि अब लोकमित्र केंद्र निजी कंपनी जीएनजी के तहत चलाए
जाएंगे। सूचक यदि नई कंपनी की शर्तो के आधार पर कार्य करना चाहते हैं तो
उन्हें प्राथमिकता के आधार पर कार्य दिया जाएगा। लोकमित्र सोसायटी के सचिव
ने हमीरपुर जिले के सभी 24 लोकमित्र केंद्रों के सूचकों को लोकमित्र
सोसायटी हमीरपुर द्वारा दिए गए कंप्यूटर व अन्य हार्डवेयर वापस करने के
आदेश दे दिए हैं। इसके बाद ही गिरवी रखी जमीन व सिक्योरिटी वापस होगी।
सूचकों को कंप्यूटर व हार्डवेयर वापस करने के लिए एक माह का समय दिया गया
है।

नहीं मिल रहा ब्याज, कोर्ट जाएंगे

सूचकों ने योजना को बंद करने तथा जीएनजी के तहत चलाई जा रही योजना में
सम्मिलित होने से इनकार कर दिया है। सूचक सर्वजीत कुमार ने बताया कि इस
संबंध में आम सहमति नहीं बनी है। दस साल तक जो पैसा लोकमित्र सोसायटी के
पास जमा रहा तथा जमीन गिरवी रही, उस पर कोई ब्याज नहीं दिया जा रहा है। वह
इस निर्णय के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

तैयार हुए कुछ सूचक : पंकज

एसडीएम पंकज राय ने कहा कि पुराने सूचकों को नई योजना में प्राथमिकता
के आधार पर शामिल किया जाएगा। इनमें से कुछ सूचक तैयार हो गए हैं। सरकार के
फैसले के तहत अब सभी जगह वही लोकमित्र केंद्र चलाए जाएंगे जो तकनीकी विभाग
के तहत जीएनजी कंपनी द्वारा चलाए जा रहे हैं।

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