रायपुर। छत्तीसगढ़ में 175 लघु इस्पात संयंत्रों में कार्यरत लगभग
50,000 श्रमिकों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है, क्योंकि संयंत्र
मालिकों ने स्पंज आयरन की कीमतों में वृद्धि के मद्देनजर संयंत्रों को बंद
करने की घोषणा कर दी है। स्पंज आयरन इन संयंत्रों में कच्चे माल के रूप में
इस्तेमाल किया जाता है।
छत्तीसगढ़ मिनी स्टील प्लांट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सुराणा ने
बताया, ‘स्पंज आयरन की कीमत 14,000-15,000 रुपये प्रति टन से बढ़कर 18,000
रुपये प्रति टन हो गई है। इसके बावजूद हमारी जरूरतों के मुताबिक यह उपलब्ध
नहीं हो पा रहा है। लिहाजा पहली दिसम्बर से संयंत्रों की बंदी शुरू करने के
अलावा हमारे पास दूसरा कोई विकल्प नहीं बचा है।’
यह एसोसिएशन 175 लघु इस्पात इकाइयों की एक प्रतिनिधि संस्था है। इन
इकाइयों में लगभग 50,000 लोग विभिन्न पदों पर कार्यरत है। ये लघु इस्पात
इकाइयां स्पंज आयरन, पिघलाए गए भारी स्क्रैप और पिग आयरन को कच्चे माल के
रूप में इस्तेमाल करती है।