रायपुर। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा है कि सिकलसेल एनीमिया से निपटने के लिए विकासशील देश वैश्विक अभियान चलाएं।
कलाम ने सोमवार को यहां पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के सभागार
में चतुर्थ अंतरराष्ट्रीय सिकलसेल सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए कहा कि भारत
सहित अफ्रीकी तथा अन्य विकासशील देशों में बड़ी संख्या में लोग इस रोग से
ग्रसित है।
उन्होंने विकासशील देशों के सामने सिकलसेल एनीमिया रोग को एक गंभीर
चुनौती बताते हुए कहा कि इसके निदान के लिए सभी देशों को मिलकर एक वैश्विक
अभियान चलाना चाहिए, जिससे यह रोग हमेशा के लिए खत्म हो सके।
कलाम ने यहां आए प्रतिनिधियों और छात्रों से आह्वान किया कि इस रोग की
पहचान, इसके इलाज और बचाव के उपायों को मिशन-वर्ष 2030 का रूप दें तथा आने
वाले दो दशकों को लक्ष्य बनाकर सिकलसेल एनीमिया रोग निदान दशक घोषित करें।
पूर्व राष्ट्रपति ने सिकलसेल एनीमिया के नियंत्रण एवं प्रभावी उपचार के
क्षेत्र में पिछले 10 वर्षो में बहुत कम अनुसंधान होने पर चिंता जाहिर
करते हुए कहा कि इस रोग के निदान के लिए कोई कारगर इलाज या दवा नहीं बना
पाए हैं। जिस प्रकार मलेरिया, एड्स, टी.बी. और अन्य बीमारियों के प्रति
लोगों में जागरूकता है, उसी प्रकार सिकलसेल एनीमिया के प्रति भी जागरूकता
पैदा करने की जरूरत है। तभी इस रोग पर नियंत्रण किया जा सकता है।