प्रदेश में डॉक्टरों का टोटा

चड़ीगढ़. लोग
सरकारी नौकरियां पाने के लिए मारे फिर रहे हैं और डॉक्टर हैं कि प्रदेश
में सरकारी नौकरी करने के लिए तैयार नहीं हैं। राज्य में स्वास्थ्य विभाग
को सरकारी नौकरी करने के चाहवान डॉक्टर ढूंढे नहीं मिल रहे। विभाग का कहना
है कि डॉक्टरों की कमी देशभर में ही है।




हालात ऐसे हैं कि राज्य में जनता को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए
सरकार दरवाजे खोले खड़ी है, लेकिन डॉक्टर इधर का रूख करने का तैयार नहीं
हैं। ऐसा नहीं है के राज्य सरकार की ओर से डॉक्टरों की भर्ती करने में कोई
कोर कसर छोड़ी जा रही है। राज्य का स्वास्थ्य विभाग भरसक कोशिश में है कि
योग्य डॉक्टर सरकारी नौकरी ज्वाइन करें और जरूरतमंद जनता की सेवा करें,
लेकिन डॉक्टरों को सरकारी नौकरी का मोह खींच ही नहीं पा रहा है।




राज्य सरकार ने डॉक्टरों को सरकारी सेवा में लाने के लिए नियमों तक में
बदलाव कर रखा है। डॉक्टरों की भर्ती को हरियाणा लोकसेवा आयोग के दायरे से
बाहर रखा हुआ है। राज्य सरकार ने डॉक्टरों की भर्ती के लिए सीधी भर्ती और
ऑनलाइन भर्ती तक की प्रणाली अपनाई हुई है। इसके तहत डॉक्टरों की भर्ती
जरूरत के हिसाब से लगातार की जाती है। इस प्रणाली के तहत कभी भी भर्ती के
लिए आवेदन मांगे जा सकते हैं। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक डॉक्टर
सरकारी नौकरी को ज्वाइन करते है, लेकिन कुछ माह बाद प्राइवेट सेक्टर में
चले जाते है।




जल्द भरे जाएंगे पद




हाल ही में डॉक्टरों की अढाई सौ पद भरे गए। इसके बाद देखा जाएगा कि कितनी
पोस्ट्स खाली रह जाएंगी। उन्हें भरने की प्रक्रिया भी जल्दी शुरू की जाएगी।




राजन गुप्ता वित्तायुक्त, स्वास्थ्य विभाग, हरियाणा

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