नयी दिल्लीः
सरकार का महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना
(एमजीएनआरईजीएस) के अंतर्गत और अधिक मदों को शामिल करने का फ़िलहाल कोई
विचार नहीं है. ग्रामीण विकास मंत्री डॉ सी पी जोशी ने आज राज्यसभा में
बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर महात्मा गांधी नरेगा के प्रभाव के आकलन के
लिए कोई अध्ययन नहीं कराया गया है.
जोशी ने बताया कि एक अप्रैल 2008 से
देश के समस्त ग्रामीण क्षेत्रों को महात्मा गांधी नरेगा के दायरे में लाया
जा चुका है. इसका कार्यान्वयन मजबूत बनाने के लिए कई उपाय किए गए हैं और
शिकायतों का समय पर निपटाराa करने के लिए सभी राज्यों को जिला स्तर पर
ओम्बड्समैन नियुक्त करने संबंधी आदेश दिए गए हैं.
उन्होंने बताया
कि मजबूरी के भुगतान में पारदर्शिता लाने के लिए महात्मा गांधी नरेगा
अधिनियम के मजदूरों को उनके बैंक-डाकघर खातों के माध्यम से मजदूरी का
भुगतान अनिवार्य बना दिया गया है. उन्होंने इस बात से इंकार किया कि
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और सरकार ने महात्मा गांधी
नरेगा का अन्य विकास कार्यक्रमों के साथ समन्वय कर इसे और अधिक कारगर तथा
प्रभावी बनाने के लिए एक प्रायोगिक कार्यक्रम शुरू किया है.