देहरादून.
पूर्व नागर विमानन मंत्री सीएम इब्राहिम ने कहा है कि टाटा ग्रुप के
चेयरमैन रतन टाटा बताएं कि उनसे किस मंत्री ने 15 करोड़ रुपये की रिश्वत
मांगी थी। इब्राहिम का यह भी कहना है कि अगर टाटा नाम का खुलासा नहीं करते
हैं तो वह खुदकुशी कर लेंगे।
टाटा ने सोमवार को एक सनसनीखेज
खुलासा करते हुए कहा था कि वर्षों पहले उनसे एक मंत्री को करोड़ों रुपये
रिश्वत देने को कहा गया था। हालांकि मीडिया के जरिए टाटा का यह बयान पूरी
दुनिया तक पहुंच जाने के बाद उनकी कंपनी की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया
कि रतन टाटा ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया।
रतन टाटा ने एक
कार्यक्रम में कहा था, ‘वर्षों पहले टाटा ग्रुप सिंगापुर एयरलाइंस के
सहयोग से घरेलू एयरलाइंस स्थापित करने की कोशिश में था, पर एक शख्स ने
इस पर पानी फेर दिया था। हालांकि हम एयरलाइन इंडस्ट्री में सबसे आगे थे
फिर भी हमें यह परियोजना शुरू करने में काफी मुश्किलें आ रही थीं।’
उन्होंने
कहा, ‘हमने तीन प्रधानमंत्रियों से भी मुलाकात की लेकिन किसी ने हमारी
कोशिशों को बढ़ावा नहीं दिया। बाद में एक उद्योगपति ने आकर मुझसे कहा कि
तुम बेवकूफ हो। केंद्रीय मंत्री 15 करोड़ रुपये की रिश्वत मांग रहा है,
क्यों नहीं दे देते।’
टाटा उत्तराखंड के गठन के 10 साल पूरे
होने के मौके पर आयोजित ‘21वीं सदी में भारत-अवसर और चुनौतियां’ विषय
पर भाषण में अपने विचार व्यक्त करने के बाद लोगों के सवालों का जवाब दे
रहे थे। उन्होंने कहा, ‘मैं रिश्वत नहीं देना चाहता था और मैंने ऐसा ही
किया।’ हालांकि उन्होंने उस मंत्री का नाम लेने से इनकार कर दिया जिसने
उनसे रिश्वत के तौर पर 15 करोड़ रुपये मांगे थे।
उन्होंने कहा कि
10-12 साल पहले हुई इस घटना के बाद एयरलाइंस खोलने का उनका सपना अधूरा ही
रह गया। टाटा समूह के चेयरमैन ने यह भी माना कि देश में भ्रष्टाचार और
बेरोजगारी सबसे बड़ी चुनौतियां हैं। आदर्श सोसाइटी और स्पेक्ट्रम घोटाला
जैसे मामले से देश के सियासी गलियारे में हंगामे का माहौल है, ऐसे में रतन
टाटा का यह खुलासा काफी मायने रखता है।
नाम बताएं टाटा
पूर्व
नागर विमानन मंत्री सीएम इब्राहिम ने टाटा के आरोपों को सिरे से खारिज कर
दिया है। यह पूछने पर कि क्या उन्हें लगता है कि टाटा उन्हीं की बात कर
रहे हैं, इब्राहिम ने कहा, ‘मैं भ्रष्ट मंत्री नहीं हूं। टाटा से किस
मंत्री ने पैसे गे थे, उन्हें यह सार्वजनिक करना चाहिए।’ भाजपा ने भी
टाटा को अपने आरोपों के बारे में विस्तार से बताने के लिए कहा है।
टाटा
ने समूह की कमान संभालने के बाद तीन बार, 1995, 1997 और 2001 में एयरलाइंस
कारोबार में कदम रखने की कोशिश की थी। पर तीनों बार किसी न किसी कारण से
ऐसा संभव नहीं हो सका।
/>
जेआरडी टाटा ने एयरलाइन कंपनी शुरू की थी,
लेकिन बाद में इसे सरकार ने अपने अधिकार में ले लिया। एयर इंडिया मूल रूप
से जेआरडी टाटा की ही कंपनी थी।
रिटायरमेंट नहीं टालेंगे
रतन
टाटा ने साथ ही कहा कि वह अपनी रिटायरमेंट की तारीख को वर्ष 2012 से आगे
टालना नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पूरी कोशिश रहेगी कि उनका
उत्तराधिकारी मूल्यों और आदर्शों के प्रति कटिबद्ध हो। उन्होंने कहा, ‘ऐसी
कोई भी चीज नहीं है, जो व्यक्तिगतरूप से परम आवश्यक हो। जिस दिन मैंने
जेआरडी टाटा से कार्यभार ग्रहण किया उसी दिन मैंने जान लिया कि मैं एक और
जेआरडी नहीं हो सकता और मुझे खुद अपना व्यक्तित्व विकसित करना है। मैं
उम्मीद करता हूं कि मेरा उत्तराधिकारी भी खुद अपने व्यक्तित्व का विकास
करेगा और देश के लिए तथा टाटा समूह के लिए उसी तरह ही कार्य करेगा या उससे
बेहतर कार्य करेगा जैसा हमने अभी तक किया है।’
टाटा ने कहा, ‘मैं
सुनिश्चित करना चाहता हूं कि मेरा उत्तराधिकारी उन मूल्यों और आदर्शों के
प्रति कटिबद्ध रहेगा जिसके लिए हमने कई वर्षों तक संघर्ष किया है।’
पूर्व नागर विमानन मंत्री सीएम इब्राहिम ने कहा है कि टाटा ग्रुप के
चेयरमैन रतन टाटा बताएं कि उनसे किस मंत्री ने 15 करोड़ रुपये की रिश्वत
मांगी थी। इब्राहिम का यह भी कहना है कि अगर टाटा नाम का खुलासा नहीं करते
हैं तो वह खुदकुशी कर लेंगे।
टाटा ने सोमवार को एक सनसनीखेज
खुलासा करते हुए कहा था कि वर्षों पहले उनसे एक मंत्री को करोड़ों रुपये
रिश्वत देने को कहा गया था। हालांकि मीडिया के जरिए टाटा का यह बयान पूरी
दुनिया तक पहुंच जाने के बाद उनकी कंपनी की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया
कि रतन टाटा ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया।
रतन टाटा ने एक
कार्यक्रम में कहा था, ‘वर्षों पहले टाटा ग्रुप सिंगापुर एयरलाइंस के
सहयोग से घरेलू एयरलाइंस स्थापित करने की कोशिश में था, पर एक शख्स ने
इस पर पानी फेर दिया था। हालांकि हम एयरलाइन इंडस्ट्री में सबसे आगे थे
फिर भी हमें यह परियोजना शुरू करने में काफी मुश्किलें आ रही थीं।’
उन्होंने
कहा, ‘हमने तीन प्रधानमंत्रियों से भी मुलाकात की लेकिन किसी ने हमारी
कोशिशों को बढ़ावा नहीं दिया। बाद में एक उद्योगपति ने आकर मुझसे कहा कि
तुम बेवकूफ हो। केंद्रीय मंत्री 15 करोड़ रुपये की रिश्वत मांग रहा है,
क्यों नहीं दे देते।’
टाटा उत्तराखंड के गठन के 10 साल पूरे
होने के मौके पर आयोजित ‘21वीं सदी में भारत-अवसर और चुनौतियां’ विषय
पर भाषण में अपने विचार व्यक्त करने के बाद लोगों के सवालों का जवाब दे
रहे थे। उन्होंने कहा, ‘मैं रिश्वत नहीं देना चाहता था और मैंने ऐसा ही
किया।’ हालांकि उन्होंने उस मंत्री का नाम लेने से इनकार कर दिया जिसने
उनसे रिश्वत के तौर पर 15 करोड़ रुपये मांगे थे।
उन्होंने कहा कि
10-12 साल पहले हुई इस घटना के बाद एयरलाइंस खोलने का उनका सपना अधूरा ही
रह गया। टाटा समूह के चेयरमैन ने यह भी माना कि देश में भ्रष्टाचार और
बेरोजगारी सबसे बड़ी चुनौतियां हैं। आदर्श सोसाइटी और स्पेक्ट्रम घोटाला
जैसे मामले से देश के सियासी गलियारे में हंगामे का माहौल है, ऐसे में रतन
टाटा का यह खुलासा काफी मायने रखता है।
नाम बताएं टाटा
पूर्व
नागर विमानन मंत्री सीएम इब्राहिम ने टाटा के आरोपों को सिरे से खारिज कर
दिया है। यह पूछने पर कि क्या उन्हें लगता है कि टाटा उन्हीं की बात कर
रहे हैं, इब्राहिम ने कहा, ‘मैं भ्रष्ट मंत्री नहीं हूं। टाटा से किस
मंत्री ने पैसे गे थे, उन्हें यह सार्वजनिक करना चाहिए।’ भाजपा ने भी
टाटा को अपने आरोपों के बारे में विस्तार से बताने के लिए कहा है।
टाटा
ने समूह की कमान संभालने के बाद तीन बार, 1995, 1997 और 2001 में एयरलाइंस
कारोबार में कदम रखने की कोशिश की थी। पर तीनों बार किसी न किसी कारण से
ऐसा संभव नहीं हो सका।
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जेआरडी टाटा ने एयरलाइन कंपनी शुरू की थी,
लेकिन बाद में इसे सरकार ने अपने अधिकार में ले लिया। एयर इंडिया मूल रूप
से जेआरडी टाटा की ही कंपनी थी।
रिटायरमेंट नहीं टालेंगे
रतन
टाटा ने साथ ही कहा कि वह अपनी रिटायरमेंट की तारीख को वर्ष 2012 से आगे
टालना नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पूरी कोशिश रहेगी कि उनका
उत्तराधिकारी मूल्यों और आदर्शों के प्रति कटिबद्ध हो। उन्होंने कहा, ‘ऐसी
कोई भी चीज नहीं है, जो व्यक्तिगतरूप से परम आवश्यक हो। जिस दिन मैंने
जेआरडी टाटा से कार्यभार ग्रहण किया उसी दिन मैंने जान लिया कि मैं एक और
जेआरडी नहीं हो सकता और मुझे खुद अपना व्यक्तित्व विकसित करना है। मैं
उम्मीद करता हूं कि मेरा उत्तराधिकारी भी खुद अपने व्यक्तित्व का विकास
करेगा और देश के लिए तथा टाटा समूह के लिए उसी तरह ही कार्य करेगा या उससे
बेहतर कार्य करेगा जैसा हमने अभी तक किया है।’
टाटा ने कहा, ‘मैं
सुनिश्चित करना चाहता हूं कि मेरा उत्तराधिकारी उन मूल्यों और आदर्शों के
प्रति कटिबद्ध रहेगा जिसके लिए हमने कई वर्षों तक संघर्ष किया है।’