‘टेस्ट ट्यूब बेबी पैदा हो सकती हैं अनाज नहीं’: रामकृष्ण कुसमरिया

भोपाल. ज्यादा
रसायनों के उपयोग से नष्ट हो रही उपजाऊ भूमि को बचाने के लिए मिट्टी
वैज्ञानिक इस बात की चिंता करें कि टेस्ट ट्यूब बेबी हो सकते हैं, अनाज
नहीं। क्योंकि अनाज को मिट्टी के अलावा और कहीं पैदा नहीं किया जा सकता है।
इसलिए दुनिया को बचाने के लिए जरूरी है कि खेती की उपजाऊ भूमि को सुरक्षित
रखें। यह तभी संभव है, जब जैविक खेती के लिए किसानों को प्रेरित किया जाए।




यह बात प्रदेश के कृषि मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया ने इंडियन सोसायटी ऑफ सॉइल
साइंस की भोपाल शाखा द्वारा आयोजित 75 वें वाषिर्क अधिवेशन के उद्घाटन
अवसर पर कहीं। उन्होंने कहा कि दु:ख की बात यह है कि सॉइल साइंस में जैविक
खेती के बारे में कोई उल्लेख नहीं है। यहां आए हुए सभी वैज्ञानिकों को इस
बात पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही मिट्टी के लिए की जा रही रिसर्च और मिट्टी
से खत्म हो रहे पोषक तत्चों की जानकारी सीधी और उनकी भाषा में किसानों को
दी जाए। कृषि मंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि सॉइल साइंस
संस्थान द्वारा प्रदेश के 10 जिलों को गोद लिया जाएगा।




कार्यक्रम में संस्थान के उपमहानिदेशक डा. एके सिंह ने सॉइल साइंस के 4 दिन
तक चलने वाले वार्षिक अधिवेशन के बारे मंे जानकारी दी। भोपाल शाखा के
अध्यक्ष डॉ. ए सुब्बाराव ने अतिथियों का स्वागत किया। संस्थान के सचिव डा.
आरके रतन ने कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी।




अंग्रेजी प्रकाशन और भाषण पर आपत्ति : कृषि मंत्री ने इस बात पर
आपत्ति व्यक्त की कि कार्यक्रम में भाषण और किसानों को जानकारी देने के लिए
छपी किताबें अंग्रेजी में हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश में किसानों को
जानकारी देने के लिए कार्यक्रम और प्रकाशन होते हैं, वह स्थानीय भाषा में
भी होना चाहिए।

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