हिसार। भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 में संशोधन की माग के लिए हरियाणा
के किसानों ने पुलिस की घेराबंदी के बीच दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन
किया। किसान संघर्ष समिति व अखिल भारतीय किसान सभा के तत्वावधान में हुए
प्रदर्शन में फरीदाबाद जिले के चंदावली, पलवल, गोरखपुर , अंबाला व सिरसा
जिलों के किसान पहुंचे। प्रदर्शन के बाद किसानों ने प्रधानमंत्री को
संबोधित एक ज्ञापन उनके निजी सचिव को उनके कार्यालय में सौंपा।
कामरेड सीताराम येचुरी व वासुदेव आचार्य ने कहा कि उनकी पार्टी व
वामपंथी दलों ने यूपीए (प्रथम) के कार्यकाल भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 में
संशोधन करने की माग की थी। इसके लिए उनके निरतर दबाव के कारण ही केंद्र
सरकार द्वारा संशोधन का प्रस्ताव संसद में प्रस्तुत किया गया है, जो अभी भी
लंबित है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि वह इस मुद्दे को संसद में जोरदार ढग
से उठाएंगे और सरकार पर दबाव बनाएंगे कि किसानों की उपजाऊ भूमि का जबरन
अधिग्रहण न किया जाए। प्रधानमंत्री को प्रस्तुत ज्ञापन में कहा गया है कि
सरकार ने आईएमटी चंदावली के लिए छह गावों की 1832 एकड़ व इस्टर्न पेराफरी
एक्सप्रेस हाइवे के लिए 24 गावों की हजारों एकड़ जमीन कम कीमत से अधिग्रहीत
की है। फतेहाबाद जिले के गोरखपुर गाव के पास परमाणु संयंत्र के लिए 1300
एकड़ व सिरसा, गुड़गाव, पंचकूला व सोनीपत में जमीन अधिग्रहण की योजनाएं बनाई
जा रही हैं। प्रदर्शनकारियों को समस्त भारत पार्टी के अध्यक्ष सुदेश
अग्रवाल, अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष फूल सिंह श्योकंद,
उपाध्यक्ष कृष्ण स्वरूप गोरखपुरिया, प्रीत सिंह, इनेलो नेता धर्मपाल यादव,
शशिबाला तेवतिया, पवन रावत, अनिता गोस्वामी, भाजपा नेता नयनपाल रावत और
सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश महासचिव सुभाष लाबा के अलावा कई अन्य किसान
नेताओं ने संबोधित किया।