11 महीनों में 141 अमेरिकी बैंक धराशायी

जीं हां दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका के लिए यह किसी झटके से कम नहीं है। अब जबकि पूरी दुनिया आर्थिक मंदी से लगभग उबर चुकी है वही अमेरिका में बैंकों के दिवालिया होने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बैंकों की ये संख्या बीते साल दिवालिया होने वाले बैंकों की संख्या से भी ज्यादा है। साल 2009 में अमेरिका में 140 बैंक दिवालिया हुए थे।

बीती 5 नंवबर को ही अमेरिका के 5 दिग्गज बैंकों ने अपने आप को दिवालिया घोषित किया इनमें वेस्टर्न कमर्शियल बैंक, पियर्स कमर्शियल बैंक, फर्स्ट वियतनामिस अमेरिकन बैंक और के बैंक प्रमुख हैं। सिर्फ अक्टूबर महीने में ही 12 बैंक अमेरिकी बैंक दिवालिए हुए। जबकि सितंबर में सात और अगस्त में सात बैंकों के शटर डाउन हुए सबसे ज्यादा बैंकों का दिवालिया अप्रैल महीने में पिटा इस महीने 23 अमेरीकी बैंक धराशायी हुए।

अमेरिका में बैंकों का इश्योरेंस करने वाली सबसे बड़ी संस्था फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन के मुताबिक इस साल  बैंकों के दिवालिए होने से उसपर  2540 लाख डॉलर का अतिरिक्त भार पड़ेगा। हांलाकि अमेरिकी सरकार की ओर से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। अभी हाल ही में अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेड रिजर्व ने 600 अरब डॉलर के सरकारी बांड खरीदने की घोषणा कि है लेकिन दस प्रतिशत से ऊपर अमेरिकी बेरोजगारी के आकंडे और लगातार दिवालिए होते बैंक अमेरिकी सरकार के इन प्रयासों को बौना साबित कर रहे हैं।

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