सरकार ने सोमवार को कहा कि बैंकों ने
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून की पहली तिमाही में 90,000 करोड़ रुपये का
ऋण किसानों को वितरित किया है। सरकार ने वित्तवर्ष 2010-11 के लिए किसानों
को 3,75,000 करोड़ रुपये का ऋण वितरित करने का लक्ष्य रखा है।
एक सरकारी बयान में कहा गया है कि वित्तवर्ष 2010-11 में जून 2010 तक देश
भर में किसानों को 89,687 करोड़ रुपये का कृषि ऋण वितरित किया गया है।
वित्तवर्ष 2009.़10 में ऋण का वितरण 3,66,919 करोड़ एपये था जबकि लक्ष्य
3,25,000 करोड़ एपये का निर्धारित किया गया था।
बयान में कहा गया है कि कृषि ऋण का प्रवाह 2003-04 के बाद से निरंतर लक्ष्य
से अधिक रहा है। कृषि ऋण 2003-04 के 86,981 करोड़ रुपये से बढ़कर 2009-10
में 3,66,919 करोड़ रूपये हो गया। किसान हितैषी नीति के तहत सरकार ने कृषि
ऋण प्रवाह को सुधारने और कृषि ऋण पर ब्याज दरों को कम करने के लिए कई कदम
उठाये हैं।
चालू वित्तवर्ष से फसल ऋण का समय पर भुगतान करने वालों के लिए ब्याज दर
पर छूट को एक प्रतिशत से बढ़ाकर दो प्रतिशत किया गया है। इस प्रकार ऐसे
किसानों कि लिए ब्याज की प्रभावी दर पांच प्रतिशत की है। बिना कुछ गिरवी
रखे कृषि ऋण की सीमा को भी 50,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रूपये किया गया
है।
इस बीच सरकार ने कहा कि उसने जून, 2010 तक 9.48 करोड़ पात्र और इच्छुक
किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) जारी किए हैं। नाबार्ड ने केसीसी
योजना को 1998 में शुरू किया था ताकि फसल सत्र के दौरान किसानों को खेती के
उपयोग में आने वाली सामग्रियों की खरीद के लिए मदद मिल सके।