जयपुर अमेरिकी
राष्ट्रपति बराक ओबामा ने देश की संसद में दिए अपने भाषण में सूचना के
अधिकार कानून की जमकर तारीफ की। सूचना अधिकार का यह कानून देश में सबसे
पहले राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पिछले कार्यकाल में बना था।
इसके बाद इसे पूरे देश ने अपनाया। ओबामा ने पंचायतों को आईटी से जोड़ने की
भी तारीफ की। ओबामा के इस भाषण के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी संसद
में मौजूद थे। गहलोत ने कहा कि ओबामा के भाषण में आरटीआई और आईटी का जिक्र
होने से राजस्थान को नया हौसला मिलेगा ।
भास्कर ने ओबामा के भाषण पर प्रतिक्रिया जानने के लिए मुख्यमंत्री से
संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि राजस्थान में पहले आरटीआई की शुरुआत की थी।
अब सभी पंचायतों को आईटी से जोड़ने की तैयारी है। इसलिए मैंने पहले कहा था
कि आईटी के बिना गुड गवर्नेस नहीं हो सकता। हमने हर विभाग को आईटी के लिए
तीन प्रतिशत बजट भी दिया है।
अजमेर के कानपुरा गांव में ओबामा ने लोगों से बातचीत करके हमारी इस मुहिम
पर मुहर लगाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओबामा से यह सुनकर कि महात्मा
गांधी नहीं हुए होते तो वह भी राष्ट्रपति नहीं होते, राष्ट्रपिता के
अनुयायियों को बेहद खुशी हुई है। ओबामा का भाषण सुनने के लिए संसद भवन में
राज्य के चारों केन्द्रीय मंत्री और लोकसभा व राज्यसभा के सांसद मौजूद थे।
राष्ट्रपति बराक ओबामा ने देश की संसद में दिए अपने भाषण में सूचना के
अधिकार कानून की जमकर तारीफ की। सूचना अधिकार का यह कानून देश में सबसे
पहले राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पिछले कार्यकाल में बना था।
इसके बाद इसे पूरे देश ने अपनाया। ओबामा ने पंचायतों को आईटी से जोड़ने की
भी तारीफ की। ओबामा के इस भाषण के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी संसद
में मौजूद थे। गहलोत ने कहा कि ओबामा के भाषण में आरटीआई और आईटी का जिक्र
होने से राजस्थान को नया हौसला मिलेगा ।
भास्कर ने ओबामा के भाषण पर प्रतिक्रिया जानने के लिए मुख्यमंत्री से
संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि राजस्थान में पहले आरटीआई की शुरुआत की थी।
अब सभी पंचायतों को आईटी से जोड़ने की तैयारी है। इसलिए मैंने पहले कहा था
कि आईटी के बिना गुड गवर्नेस नहीं हो सकता। हमने हर विभाग को आईटी के लिए
तीन प्रतिशत बजट भी दिया है।
अजमेर के कानपुरा गांव में ओबामा ने लोगों से बातचीत करके हमारी इस मुहिम
पर मुहर लगाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओबामा से यह सुनकर कि महात्मा
गांधी नहीं हुए होते तो वह भी राष्ट्रपति नहीं होते, राष्ट्रपिता के
अनुयायियों को बेहद खुशी हुई है। ओबामा का भाषण सुनने के लिए संसद भवन में
राज्य के चारों केन्द्रीय मंत्री और लोकसभा व राज्यसभा के सांसद मौजूद थे।