जयपुर. डिप्थीरिया से हो रही
मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। इस बीमारी से सवाई मानसिंह अस्पताल में
पिछले एक सप्ताह में 12 और बच्चों की मौत हो गई। तीन माह में इस बीमारी से
45 बच्चों की मौत हो चुकी है। टीकाकरण नहीं होने के कारण डिप्थीरिया के
रोगी बढ़ रहे हैं।
उपलब्ध नहीं टीके की पूरी खुराक: विशेषज्ञों के अनुसार डिप्थीरिया
के मरीज को एंटी डिप्थीरिया सीरम (एडीएस) के रूप में 40 हजार यूनिट देना
जरूरी है, लेकिन यह उपलब्ध नहीं है। जानकारों के अनुसार पिछले कुछ समय से
पुणो के निकट कसौली स्थित प्लांट से दवा की सप्लाई नहीं हो रही है। यह
बाजार में भी नहीं मिलती।
अस्पताल में बिस्तरों की कमी
मरीजों के लिए अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं है। आइसोलेशन वार्ड में एक ही
बिस्तर पर दो—दो रोगी बच्चों को रखा जा रहा है, जिससे संक्रमण फैलने की
आशंका है। गाइडलाइन के अनुसार संक्रमित बच्चे को अलग से रखना, प्रशिक्षित
स्टाफ, माइनर आईसीयू की सुविधा एवं पीडियाट्रिक डॉक्टर की देखरेख जरूरी
होती है।
टीका नहीं लगने के कारण बढ़ी बीमारी – एसएमएस अस्पताल अधीक्षक डॉ.एलसी शर्मा से बातचीत
भास्कर : डिप्थीरिया से मौतें क्यों हो रही हैं?
डॉ. शर्मा : वार्ड में आने वाले अधिकतर बच्चों का टीकाकरण नहीं हुआ है।
क्या एंटी डिप्थीरिया सीरम की कमी है?
नहीं, यह पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निदेशक को और मात्रा उपलब्ध कराने के लिए लिखा गया है।
क्या बच्चों को दवा की खुराक कम दी गई है?
ऐसा नहीं है।
आइसोलेशन वार्ड में बिस्तरों की कमी है?
आइसोलेशन वार्ड में बिस्तरों की कमी को देखते हुए पुराने ईएनटी आउटडोर के पास नया वार्ड बनाया जाना प्रस्तावित है।
मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। इस बीमारी से सवाई मानसिंह अस्पताल में
पिछले एक सप्ताह में 12 और बच्चों की मौत हो गई। तीन माह में इस बीमारी से
45 बच्चों की मौत हो चुकी है। टीकाकरण नहीं होने के कारण डिप्थीरिया के
रोगी बढ़ रहे हैं।
उपलब्ध नहीं टीके की पूरी खुराक: विशेषज्ञों के अनुसार डिप्थीरिया
के मरीज को एंटी डिप्थीरिया सीरम (एडीएस) के रूप में 40 हजार यूनिट देना
जरूरी है, लेकिन यह उपलब्ध नहीं है। जानकारों के अनुसार पिछले कुछ समय से
पुणो के निकट कसौली स्थित प्लांट से दवा की सप्लाई नहीं हो रही है। यह
बाजार में भी नहीं मिलती।
अस्पताल में बिस्तरों की कमी
मरीजों के लिए अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं है। आइसोलेशन वार्ड में एक ही
बिस्तर पर दो—दो रोगी बच्चों को रखा जा रहा है, जिससे संक्रमण फैलने की
आशंका है। गाइडलाइन के अनुसार संक्रमित बच्चे को अलग से रखना, प्रशिक्षित
स्टाफ, माइनर आईसीयू की सुविधा एवं पीडियाट्रिक डॉक्टर की देखरेख जरूरी
होती है।
टीका नहीं लगने के कारण बढ़ी बीमारी – एसएमएस अस्पताल अधीक्षक डॉ.एलसी शर्मा से बातचीत
भास्कर : डिप्थीरिया से मौतें क्यों हो रही हैं?
डॉ. शर्मा : वार्ड में आने वाले अधिकतर बच्चों का टीकाकरण नहीं हुआ है।
क्या एंटी डिप्थीरिया सीरम की कमी है?
नहीं, यह पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निदेशक को और मात्रा उपलब्ध कराने के लिए लिखा गया है।
क्या बच्चों को दवा की खुराक कम दी गई है?
ऐसा नहीं है।
आइसोलेशन वार्ड में बिस्तरों की कमी है?
आइसोलेशन वार्ड में बिस्तरों की कमी को देखते हुए पुराने ईएनटी आउटडोर के पास नया वार्ड बनाया जाना प्रस्तावित है।