कहीं खटाई में पड़ न जाए महामाया योजना

कानपुर। मुख्यामंत्री
मायावती द्वारा प्रदेश के गरीबों के लिए महामाया गरीब आर्थिक योजना चालू की
गयी है। जिसके तहत समाज के नीचे तबके के लोगों को आर्थिक मदद देने का
प्रवधान है। योजना का लाभ पहुंचाने के लिए जिले के 60 हजार सही पात्रों का
चयन किया गया था। लेकिन दो माह गुजर जाने के बाद अभी तक सिर्फ 15 हजार
पात्रों के ही सात्यापित आवेदन फार्म जमा हो पाए है। प्रशासन की इस
लापरवाही को देख कर लगता है कि कहीं मुख्यमंत्री की यह महात्वकांक्षी योजना
खटाई में न पड़ जाए।


समाज कल्याण विभाग के सूत्रों के मुताबिक
महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना का लाभ उन्ही नागरिकों को मिलेगा, जिनके पास
आय का कोई साधन नहीं है। वह कोई व्यवसाय व रोजगार नहीं करते हो और उनके
पास रहने के लिए पक्के मकान भी नहीं है। योजना की खास बात यह है कि इसका
फायदा सभी जाति-धर्म के लोग ले सकते हैं। योजना का फायदा उसके असली हकदारों
को मिले इसके लिए जिलाधिकारी ने अगस्त माह में जिले की समस्त ग्राम
पंचायतों में खुली बैठकों का आयोजन कराया था। जिसमें जिला विकास कार्यों से
संबंधित अधिकरी भी नियमित रुप से पहुंचते थे। खुली बैठकों में प्रशासन ने
जिले में करीब 60 हजार सही पत्रों का चयन किया था। योजना के मुताबिक जरूरी
कागजी कार्रवाई के बाद चयनित पात्रों को तीन सौ रुपए प्रति माह पेंसन देने
का प्रवाधान है।


प्रशासन शुरू से ही योजना के क्रियांवयन में
घोर लापरवाही बरत रहे छह ग्राम विकास अधिकरी और पंचायत अधिकारियों को
नीलंबित कर 46 के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की थी। प्रशासन द्वारा उठाए गए
इन सख्त कदमों को देख कर तो लग रहा था कि अतिशीघ्र महामाया योजना के
पात्रों को पेंशन मिलने लगेगी। लेकिन दो माह बीत जाने के बाद भी अभी तक
योजना के पत्रों के आवेदन समाज कल्याण कार्यालय में जमा नहीं हो सके हैं।
समाज कल्याण विभाग के सूत्रों के अनुसार अभी तक जिले की सभी विकास खण्डों
से चयनित 60 हजार पात्रों में से सिर्फ 15 हजार पात्रों के सात्यापित आवेदन
जमा किए जा सके हैं। अधिकारियों का कहना है कि कई बार तहसीलों और विकास
खंडों के कार्यालयों को पत्र लिख कर आवेदन जमा कराने के लिए कहा गया है।
लेकिन चुनाव प्रक्रिया का हवाला देकर किसी ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया।


मुख्यविकास
नरेंद्र शंकर पांडेय अधिकारी का कहना है कि अभी तहसील और विकास खंडों के
सभी कर्मचारी पंचायत चुनावों में व्यस्त जिस वजह से योजना का कार्य तेज गति
से नहीं हो सका। चुनावों के परिणाम घोषित होने के बाद योजना को गति प्रदान
की जाएगी। गौरतलब हो कि खुली बैठकों के दौरान अक्टूबर माह की अंतिम तारीख
तक सत्यापित पत्रों को पेंशन देने का वक्त निर्धारित

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