नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि अनाज के भंडारण के
लिए केंद्र सरकार ने निजी क्षेत्र की भागीदारी में देशभर में गोदामों के
निर्माण के लिए कदम उठाए हैं।
सरकार को उम्मीद है कि एक करो़ड पचास लाख मीट्रिक टन की भंडारण क्षमता
वाले गोदामों का निर्माण शीघ्र ही शुरू हो जाएगा। इसके लिए टेंडर जारी किए
जा चुके हैं। बुधवार को नई दिल्ली में पत्र सूचना कार्यालय द्वारा आयोजित
आर्थिक संपादकों के सम्मेलन के दूसरे दिन अपने संबोधन में पवार ने कहा कि
भंडारण से संबंधित शिकायतों को दूर करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पिछले दिनों अनाज के भंडारण को लेकर जो शिकायतें आई,
उनके पीछे भंडारण क्षमता का अभाव ही मुख्य कारण रहा है। पवार ने कहा कि
अनाज उत्पादन और खरीद में उत्साहजनक सुधार हुआ है। अनाजों की खरीद पिछले दो
वर्षो में पांच करो़ड पचास लाख टन तक पहुंच गई है, जबकि कुछ समय पहले तक
यह आंक़डा तीन करो़ड पचास लाख टन तक स्थिर था। शीघ्र ही आने वाले खाद्य
सुरक्षा अधिनियम को देखते हुए इसका विशेष महत्व है। उन्होंने बताया कि
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिण् वर्तमान में 4 करो़ड 38 लाख टन अनाज का
वितरण होता है। पवार ने चीनी के उत्पादन में पर्याप्त वृद्धि होने के संकेत
दिए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष गन्ने की जो रिकर्ड बुआई हुई है, उससे ऎसा
लगता है कि इस वर्ष 2 करो़ड 50 लाख टन चीनी का उत्पादन होगा। अपने अधीनस्थ
मंत्रालयों की उपलब्धियों और गतिविधियों का ब्योरा देते हुए कृषि मंत्री ने
बताया कि विभिन्न पर्यावरण प्रणालियों के लिए गेहूं की आठ प्रजातियां,
मक्के की तीन संकर प्रजातियां और दो मिश्रित प्रजातियां जारी की गई हैं।
उन्होंने कहा कि पशुधन जैव प्रौद्योगिकी के जरिए भैंसों के क्लोन तैयार किए
जा रहे हैं। अब तक दो मादा क्लोन और एक नर क्लोन तैयार किए जा चुके हैं।