नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। घरेलू कंपनी भारती और अमेरिकी रिटेल कंपनी
वॉल-मार्ट के संयुक्त उपक्रम ने धीरे-धीरे घरेलू थोक बाजार में पांव फैलाने
की रणनीति लागू करनी शुरू कर दी है। दोनों कंपनियों ने ज्यादा से ज्यादा
किसानों से सीधे कृषि उत्पाद खरीदने की योजना बनाई है। विश्व की सबसे बड़ी
रिटेल कंपनी वॉल-मार्ट के ग्लोबल अध्यक्ष व सीईओ माइक ड्यूक ने भारतीय
बाजार के बारे में अपनी योजना पेश करते हुए बताया कि वर्ष 2015 तक 35 हजार
किसानों से सीधे आपूर्ति लेने का काम शुरू हो जाएगा। वे यहां उद्योग चैंबर
फिक्की की तरफ से आयोजित एक सेमिनार में बोल रहे थे।
ड्यूक पिछले दो दिनों से भारत में हैं और यहां के रिटेल सेक्टर को
विदेशी कंपनियों के लिए खोले जाने की पैरवी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि
भारतीय किसानों को बड़े पैमाने पर प्रशिक्षित करने की योजना भी शुरू की जा
रही है, ताकि वे कम से कम संसाधन में ज्यादा से ज्यादा उत्पादन कर सकें।
इसके लिए किसानों को जल, उर्वरक आदि का बेहतर इस्तेमाल करने की तकनीकी
सिखाई जा रही है। ड्यूक का कहना है कि भारती-वॉलमार्ट के सहयोग से भारत के
छोटे व सीमांत किसानों की आमदनी में 20 फीसदी तक की वृद्धि संभव हो सकेगी।
भले ही शुरू में सिर्फ 35 हजार किसानों के साथ उत्पाद खरीदने का समझौता
किया जाए, लेकिन इसका परोक्ष तौर पर फायदा दस लाख किसानों को होगा।
बताते चलें कि भारती-वॉलमार्ट ने संयुक्त उपक्रम बनाया हुआ है जो सिर्फ
थोक उत्पादों की आपूर्ति करता है। इन्हें खुदरा बाजार में उतरने की अनुमति
नहीं है, क्योंकि मौजूदा नियमों के मुताबिक विदेशी कंपनियां खुदरा कारोबार
में नहीं उतर सकती हैं। वैसे भारती समूह का अपना रिटेल कारोबार अलग से है।
ड्यूक ने बताया कि किसानों को प्रशिक्षित करने के लिए पंजाब व दिल्ली में
दो केंद्र बनाए गए हैं। अगले दो महीने के भीतर बेंगलूर में भी किसान
प्रशिक्षण केंद्र खोला जाएगा।
ड्यूक ने उम्मीद जताई कि भारत सरकार शीघ्र ही रिटेल सेक्टर को विदेशी
कंपनियों के लिए खोलेगी जिससे वॉल-मार्ट यहां के बाजार में ज्यादा
महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेगी। भारत सरकार इस बारे में काफी सोच समझ कर आगे
बढ़ रही है और वे सरकार की चिंताओं को समझ रहे हैं। ड्यूक ने कहा कि रिटेल
सेक्टर को खोलने से महंगाई पर काबू पाने में भी आसानी होगी।