कीटनाशक लील रहे हैं किसानों की जिंदगी

पानीपत.कीटनाशक किसानों की
जिंदगी लील रहे हैं। जिले में पिछले 18 दिन में कीटनाशकों के असर से तीन
किसानों की मौत और तीन किसान बीमार हो चुके हैं। यह सिलसिला जारी है।






इससे किसान तो चिंतित हैं साथ में कृषि वैज्ञानिक भी परेशान हैं। कृषि
विभाग समय समय पर किसान गोष्ठी आयोजित करके किसानों को फसलों में कीटनाशकों
के स्प्रे करने की तकनीक बताता है, लेकिन किसान इस विधि से स्प्रे न नहीं
कर पाते हैं। वे अपनी मर्जी से स्प्रे करते हैं और इसी का खामियाजा भुगत
रहे हैं।






किसान ये बरतें सावधानी




कीटनाशक का छिड़काव करते हुए स्प्रे पंप लीक न होना चाहिए,स्प्रे करते हुए मुंह पर कपड़ा बांधे।




स्प्रे करने के बाद तुरंत फसल से बाहर आ जाएं।






स्प्रे हवा के रुख को ध्यान में रखकर करें।




स्प्रे करने के दौरान बीडी व सीगरेट का प्रयोग न करें। खाने व पीने से भी परहेज रखें। इससे स्प्रे चढ़ने से बचा जा सकता है।






"फसल में कीटनाशक का छिड़काव करते समय किसान लापरवाही करते हैं। इसी वजह से
उनको नुकसान होता है। किसानों को समय समय पर कीटनाशक का छिड़काव करने की
विधि बताई जाती है। उसी के अुनरूप किसान छिड़काव करें।"




ओपी राठी




जिला कृषि विभाग के सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी




ये हो चुके हैं हादसे




3 अक्टूबर को बुड़शाम गांव के किसान ईश्वर की कीटनाशक का छिड़काव करते हुए मौत हो गई।




16 अक्टूबर को जाटल गांव के किसान रामफल की कीटनाशक के असर से मौत हो गई।




18 अक्टूबर को दरियापुर गांव निवासी गुलाब धान की फसल में कीटनाशक का स्प्रे कर रहा था। तभी कीटनाशक के असर से उसकी मौत हो गई।




24 सितंबर को नौल्था में मजदूर इकराम व महफूज और छह अक्टूबर को सुताना में एक श्रमिक कीटनाशक के प्रभाव से बेहोश हो गया।

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