आमजन पर महंगाई का असर नहीं: पवार

जयपुर. एक ओर आम जनता बढ़ती
महंगाई से परेशान है तो दूसरी ओर कृषि मंत्री का तर्क है कि आम जनता पर
महंगाई का कोई असर नहीं पड़ा है। क्योंकि वर्ष 2002 के बाद से सार्वजनिक
वितरण प्रणाली के तहत राशन सामग्री की दरें नहीं बढ़ाई गई हैं।




केन्द्रीय कृषि मंत्री शरद पवार का कहना है कि गन्ने की रिकॉर्ड पैदावार के
चलते अगले माह से बाजार में चीनी की दर कम होने की संभावना है। अगले 15
दिन में गन्ने की पिराई शुरू हो जाएगी, जिसके बाद बाजार में चीनी उपलब्धता
भी बढ़ जाएगी। इस बार दालों और कपास की भी अच्छी पैदावार हुई है। पवार
मंगलवार को जयपुर में उत्तर भारत के 9 राज्यों के कृषि एवं खाद्य, नागरिक
आपूर्ति मंत्रियों की मीटिंग के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। महंगाई को
लेकर पवार ने कहा कि पिछले वषरें में हमने समर्थन मूल्य भी बढ़ाया है।




जब किसानों को उपज का पूरा मूल्य दे रहे हैं तो उपभोक्ताओं को भी कुछ कीमत
चुकानी पड़ेगी। सरकार को यह देखना है कि किसान को भी फायदा हो और उपभोक्ता
भी बचे। पवार ने कहा कि रबी फसलों का समर्थन मूल्य जल्दी ही तय होने की
संभावना है। इसके लिए बुधवार को दिल्ली में कैबिनेट की मीटिंग हो रही है।
इससे पहले पवार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली, केन्द्र से खाद्यान्न के
आवंटन, उठाव, कृषि विस्तार कार्यक्रम, रबी सीजन में उत्पादन कार्यक्रम और
भंडारण आदि व्यवस्थाओं की समीक्षा की। सम्मेलन में पंजाब, हरियाणा,
राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और पश्चिम
बंगाल के मंत्री मौजूद थे।




राज्यों ने नहीं उठाया गेहूं




पंवार ने कहा कि महंगाई नियंत्रण के लिए केन्द्र सरकार ने राज्यों को खुली
बिक्री योजना के लिए गेहूं आबंटित किया था, लेकिन राजस्थान सहित ज्यादातर
राज्यों ने स्टॉक उठाया ही नहीं।




खाद की उपलब्धता के लिए बात करेंगे: पवार ने कहा कि राजस्थान के
मुख्यमंत्री ने रबी सीजन के लिए खाद की कमी की ओर ध्यान दिलाया है। वे
दिल्ली जाकर उर्वरक मंत्रालय और रेल मंत्रालय से बात करेंगे, ताकि राज्य को
खाद के ज्यादा से ज्यादा रैक्स मिल सकें।




एक हफ्ते में शुरू हो सकती है बाजरे की सरकारी खरीद




पवार ने कहा कि राजस्थान में बाजरे की बंपर पैदावार है। राजजस्थान के
मुख्यमंत्री ने उनसे समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू करने का आग्रह किया है।
हमने बाजरे की खरीद के लिए एफसीआई को 50 करोड़ रुपए दिए हैं। राज्य सरकार
से अपनी तैयारियां और मशीनरी को तैयार करने के लिए कहा गया है। धन की कमी न
आए, इसके लिए केन्द्र सरकार भारतीय रिजर्व बैंक से धन उपलब्ध कराने का
आग्रह भी करेगी। बाद में खाद्य राज्यमंत्री बाबूलाल नागर ने कहा कि बुधवार
को खरीद एजेंसियों की मीटिंग बुलाई गई है।संभवत: एक सप्ताह बाद खरीद शुरू
कर दी जाएगी।

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