विदर्भ के 7 किसानों ने दी जान

यवतमाल.एक ओर जहां रविवार को
देशवासी दशहरा त्यौहार मना रहे थे, वहीं दशहरे की पूर्व संध्या पर विदर्भ
के 7 किसानों ने आत्महत्या कर ली। विदर्भ में कृषि क्षेत्र पर आया संकट
रोजाना गहराता ही जा रहा है।


इसी के चलते सरकारी मदद से वंचित व
कर्ज में डूबे किसान आत्महत्या कर रहे हैं लेकिन राज्य की आघाड़ी सरकार
करोड़ों रुपयों की जबरन वसूली कर झंडा मार्च की सभाओं के आयोजन में व्यस्त
है।


इस भीषण स्थिति में केंद्र सरकार मध्यस्थता कर विदर्भ में गीले
अकाल की समस्या हल करके प्रधानमंत्री सहायता निधि से संकट में फंसे
किसानों को मदद दे। यह मांग विदर्भ जनआंदोलन समिति ने की है।


यहां
जारी विज्ञप्ति में समिति के नेता किशोर तिवारी ने बताया कि दशहरे की पूर्व
संध्या पर आत्महत्या करनेवाले किसानों में अकोला जिले के कोठारी निवासी
प्रभाकर वक्टे, यवतमाल जिले के बोरगांव निवासी वामन आवारी, रत्नापुर निवासी
विजय दांडगे, एकलारा निवासी ज्ञानेश्वर चौधरी, चंद्रपुर जिले के चोपणगुडा
निवासी लच्छू मडावी, अमरावती जिले के सदरावाड़ी निवासी भागीरथ पठोरकर और
वाशिम जिले के पिंपलखुटा निवासी राजू लाहोरकर शामिल है। इससे इस वर्ष
आत्महत्या करनेवाले किसानों की संख्या 622 होने की जानकारी तिवारी ने दी।

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