ग्रामीण क्षेत्र की सड़केंग्रामीण बोर्ड के तहत लाने की योजना

नई दिल्ली, जासं: औद्योगिक क्षेत्रों की तर्ज पर राज्य सरकार राजधानी
के ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों की देखरेख भी रूरल बोर्ड के तहत लाना चाहती
है। फिलहाल सरकार ने सभी जिला उपायुक्तों को ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों की
दयनीय स्थिति पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए निर्देश दिया है। सरकार का
मानना है कि दिल्ली नगर निगम ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों की देखरेख ठीक ढंग
से नहीं कर रही है। जिसके कारण लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। जबकि
जनता यही समझती है कि सरकार सड़कों के निर्माण में कोताही बरत रही है।
रिपोर्ट आने के बाद सरकार कैबिनेट में नोट लाकर ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों
के रखरखाव को रूरल बोर्ड के तहत लाने का रास्ता साफ करेगी।

लोक निर्माण विकास मंत्री राजकुमार चौहान ने बताया कि जैसे दिल्ली राज्य
औद्योगिक एवं संरचना विकास निगम (डीएसआईआईडीसी) के तहत दिल्ली नगर निगम के
अधीन सभी औद्योगिक क्षेत्रों को स्थानांतरित किया गया है, उसी तरह ग्रामीण
क्षेत्रों की सड़कों की व्यवस्था को सुधारने के लिए उन्हें रूरल बोर्ड के
तहत लाने पर सरकार विचार कर रही है। जिससे ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों को
दुरुस्त किया जा सके।

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