राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन
के तहत खाद्यान्न उत्पादन बढऩे के लिए चालू वित्त वर्ष में 30 सितंबर तक
केंद्र सरकार 787 करोड़ रुपये आवंटित कर चुकी है। गेहूं का उत्पादन तय
लक्ष्य से ज्यादा हो रहा है जबकि चावल का उत्पादन बढ़कर चालू सीजन में तय
लक्ष्य पूरा होने की संभावना है। इसीलिए अब दालों के उत्पादन को बढ़ाने पर
ज्यादा जोर दिया जा रहा है। इसीलिए सबसे ज्यादा आवंटन दलहनी फसलों के लिए
410 करोड़ रुपये, चावल के लिए 220 करोड़ रुपये और गेहूं के लिए 157 करोड़
रुपये केंद्र सरकार जारी कर चुकी है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन का क्रियान्वयन संभालने वाले कृषि मंत्रालय
के संयुक्त सचिव मुकेश खुल्लर ने बिजनेस भास्कर को बताया कि सबसे ज्यादा
आवंटन मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र को किया गया है। चालू वित्त वर्ष में मध्य
प्रदेश को 140.72 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र को 124.29 करोड़ रुपये जारी किए
जा चुके हैं।
इसके अलावा आंध्र प्रदेश को 80.6 करोड़ रुपये, कर्नाटक को 59.07 करोड़
रुपये, बिहार को 51.56 करोड़ रुपये, राजस्थान को 66.05 करोड़ रुपये, उड़ीसा
को 49.12 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। अन्य राज्यों में हरियाणा को
12.67 करोड़ रुपये, झारखंड को 16.49 करोड़ रुपये, पंजाब को 28.55 करोड़
रुपये, उत्तर प्रदेश को 33.89 करोड़ रुपये, पश्चिम बंगाल को 33.94 करोड़
रुपये, तमिलनाडु को 27.08 करोड़ रुपये, छत्तीसगढ़ को 19.54 करोड़ रुपये,
गुजरात को 13.11 करोड़ ओर केरल को 2.1 करोड़ रुपये का आवंटन किया जा चुका
है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत चालू वित्त वर्ष
में 1,350 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे। सितंबर तक राज्यों को 787 करोड़
रुपये जारी किए जा चुके हैं। चालू वित्त वर्ष में दलहन उत्पादन बढ़ाने पर
ज्यादा जोर दिया जा रहा है। इसीलिए सरकार ने दलहन के राज्यों में भी
बढ़ोतरी की है। पहले देश के 14 राज्यों के 158 जिलों को दलहन उत्पादन के
लिए चिन्हित किया गया था लेकिन चालू वित्त वर्ष में सरकार ने 16 राज्यों के
467 जिलों में उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन की शुरूआत 2007 में की गई थी। इसके तहत 11वीं
योजना (2011-12) के अंत तक देश में 100 लाख टन चावल, 80 लाख टन गेहूं और
20 लाख टन दलहन के उत्पादन में बढ़ोतरी का लक्ष्य तय किया गया था। उन्होंने
बताया कि गेहूं का उत्पादन तय लक्ष्य से ज्यादा हो गया है। चावल का
उत्पादन भी चालू वर्ष में बढ़कर तय लक्ष्य तक पहुंचने की संभावना है।
इसीलिए अब दलहन उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इसका असर खरीफ सीजन में दिखा भी है। चालू खरीफ में देश
में दालों के उत्पादन में करीब 40 फीसदी की बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
सितंबर महीने में हुई बारिश से रबी में भी दालों का बुवाई क्षेत्रफल
बढ़ेगा। खरीफमें दालों का उत्पादन बढ़कर 60 लाख टन होने का अनुमान है तथा
रबी में भी उत्पादन 100 से 105 लाख टन का लक्ष्य तय किया गया है।
बात पते की
मिशन का असर खरीफ सीजन में दिख रहा है। दालों के उत्पादन में करीब 40 फीसदी
की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। सितंबर की बारिश से रबी में भी दालों का
बुवाई क्षेत्रफल बढ़ेगा। खरीफ में दालों का उत्पादन बढ़कर 60 लाख टन होने
का अनुमान है।
के तहत खाद्यान्न उत्पादन बढऩे के लिए चालू वित्त वर्ष में 30 सितंबर तक
केंद्र सरकार 787 करोड़ रुपये आवंटित कर चुकी है। गेहूं का उत्पादन तय
लक्ष्य से ज्यादा हो रहा है जबकि चावल का उत्पादन बढ़कर चालू सीजन में तय
लक्ष्य पूरा होने की संभावना है। इसीलिए अब दालों के उत्पादन को बढ़ाने पर
ज्यादा जोर दिया जा रहा है। इसीलिए सबसे ज्यादा आवंटन दलहनी फसलों के लिए
410 करोड़ रुपये, चावल के लिए 220 करोड़ रुपये और गेहूं के लिए 157 करोड़
रुपये केंद्र सरकार जारी कर चुकी है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन का क्रियान्वयन संभालने वाले कृषि मंत्रालय
के संयुक्त सचिव मुकेश खुल्लर ने बिजनेस भास्कर को बताया कि सबसे ज्यादा
आवंटन मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र को किया गया है। चालू वित्त वर्ष में मध्य
प्रदेश को 140.72 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र को 124.29 करोड़ रुपये जारी किए
जा चुके हैं।
इसके अलावा आंध्र प्रदेश को 80.6 करोड़ रुपये, कर्नाटक को 59.07 करोड़
रुपये, बिहार को 51.56 करोड़ रुपये, राजस्थान को 66.05 करोड़ रुपये, उड़ीसा
को 49.12 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। अन्य राज्यों में हरियाणा को
12.67 करोड़ रुपये, झारखंड को 16.49 करोड़ रुपये, पंजाब को 28.55 करोड़
रुपये, उत्तर प्रदेश को 33.89 करोड़ रुपये, पश्चिम बंगाल को 33.94 करोड़
रुपये, तमिलनाडु को 27.08 करोड़ रुपये, छत्तीसगढ़ को 19.54 करोड़ रुपये,
गुजरात को 13.11 करोड़ ओर केरल को 2.1 करोड़ रुपये का आवंटन किया जा चुका
है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत चालू वित्त वर्ष
में 1,350 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे। सितंबर तक राज्यों को 787 करोड़
रुपये जारी किए जा चुके हैं। चालू वित्त वर्ष में दलहन उत्पादन बढ़ाने पर
ज्यादा जोर दिया जा रहा है। इसीलिए सरकार ने दलहन के राज्यों में भी
बढ़ोतरी की है। पहले देश के 14 राज्यों के 158 जिलों को दलहन उत्पादन के
लिए चिन्हित किया गया था लेकिन चालू वित्त वर्ष में सरकार ने 16 राज्यों के
467 जिलों में उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन की शुरूआत 2007 में की गई थी। इसके तहत 11वीं
योजना (2011-12) के अंत तक देश में 100 लाख टन चावल, 80 लाख टन गेहूं और
20 लाख टन दलहन के उत्पादन में बढ़ोतरी का लक्ष्य तय किया गया था। उन्होंने
बताया कि गेहूं का उत्पादन तय लक्ष्य से ज्यादा हो गया है। चावल का
उत्पादन भी चालू वर्ष में बढ़कर तय लक्ष्य तक पहुंचने की संभावना है।
इसीलिए अब दलहन उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इसका असर खरीफ सीजन में दिखा भी है। चालू खरीफ में देश
में दालों के उत्पादन में करीब 40 फीसदी की बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
सितंबर महीने में हुई बारिश से रबी में भी दालों का बुवाई क्षेत्रफल
बढ़ेगा। खरीफमें दालों का उत्पादन बढ़कर 60 लाख टन होने का अनुमान है तथा
रबी में भी उत्पादन 100 से 105 लाख टन का लक्ष्य तय किया गया है।
बात पते की
मिशन का असर खरीफ सीजन में दिख रहा है। दालों के उत्पादन में करीब 40 फीसदी
की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। सितंबर की बारिश से रबी में भी दालों का
बुवाई क्षेत्रफल बढ़ेगा। खरीफ में दालों का उत्पादन बढ़कर 60 लाख टन होने
का अनुमान है।