मिलेंगे नोटिस

भीलवाड़ा। महात्मा गांधी नरेगा शुरू होने के बाद
भीलवाड़ा जिले में दो वर्ष तक पंचायतों को जॉबकार्ड रजिस्टर जैसी
महत्वपूर्ण स्टेशनरी उपलब्ध नहीं कराना जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी
अधिकारी समेत संविदा पर लगे तकनीकी एवं लेखाकर्मियों को भारी पड़ गया है।
विधानसभा की जनलेखा समिति के निर्देशों के आधार पर राज्य सरकार ने जिला
कलक्टर को नरेगा योजना शुरू होने की तिथि एक अप्रेल 2008 से 21 अप्रेल 2010
तक की अवधि में कार्यरत समस्त मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से स्पष्टीकरण
मांगने के आदेश दिए हैं। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के प्रमुख
शासन सचिव सीएस राजन ने 13 अक्टूबर को आदेश जारी कर जिला परिषद के तत्कालीन
अधिशासी अभियन्ता मोइनुद्दीन शेख के ग्राम पंचायत के किसी कार्य का
निरीक्षण नहीं करने एवं जिले की किसी भी पंचायत में जॉबकार्ड उपलब्ध नहीं
करवाना गंभीर माना है।

इस अवधि में राजस्थान प्रशासनिक सेवा के पांच अधिकारी इस पद पर रहे।
इनमें मोहनलाल शर्मा दो बार सीईओ रहे और हुन्दल विधानी गत माह सेवानिवृत्त
हो गए। संविदारत रहे कार्यक्रम अधिकारी, वरिष्ठ तकनीकी सहायक, कनिष्ठ
तकनीकी सहायक, लेखा सहायक एवं रोजगार सहायक के विरूद्ध संविदा अनुबन्ध
प्रावधानों के उल्लंघन करने के कारण अनुबन्ध समाप्ति की कार्रवाई करने के
निर्देश दिए हैं।

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