रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि आरबीआई ने नाबार्ड में अपनी 1,430 करोड रुपये मूल्य की हिस्सेदारी का 13 अक्तूबर, 2010 को विनिवेश कर दिया. इसके साथ नाबार्ड में रिजर्व बैंक की हिस्सेदारी घटकर करीब एक प्रतिशत रह गई. नाबार्ड में भारत सरकार की हिस्सेदारी अब 99 प्रतिशत है.
उल्लेखनीय है कि तीन साल पहले रिजर्व बैंक ने देश के सबसे बडे बैंक एसबीआई में अपनी संपूर्ण हिस्सेदारी सरकार को बेच दी थी. रिजर्व बैंक का यह कदम उस चर्चा के बीच उठाया गया है जिसमें यह कहा जा रहा था कि रिजर्व बैंक को किसी रिण संस्थान में हिस्सेदारी रखनी चाहिये या फ़िर केवल नियामक ही रहना चाहिये.
इससे पहले नाबार्ड में रिजर्व बैंक की 72.5 प्रतिशत हिस्सेदारी थी जिसका मूल्य 1,450 करोड रुपये था, जबकि शेष 550 करोड रुपये मूल्य की हिस्सेदारी सरकार के पास थी.
केन्द्रीय कैबिनेट ने मई, 2008 में रिजर्व बैंक के उस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी जिसमें आरबीआई ने नाबार्ड में अपनी हिस्सेदारी सरकार को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव किया था. अब आरबीआई की पूर्ण स्वामित्व वाला केवल एक संस्थान नेशनल हाउसिंग बैंक बचा है.