जागरण ब्यूरो, भोपाल। इस बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह
ग्राम जैत में दलित महिला के साथ बलात्कार का मामला सामने आया है। पुलिस ने
प्रारंभिक जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। हालांकि
कांग्रेस का आरोप है कि पुलिस मुख्यमंत्री के दबाव में दोनों पक्षों के
बीच समझौता कराने का प्रयास कर रही है।
53 साल की शिकायतकर्ता दलित महिला का आरोप है कि उसे दबंगों के
अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने की सजा मिली है। उसने तीन माह पहले जैत
गांव के मंदिर में दलितों के प्रवेश पर रोक लगाने का मामला उठाया था और उसी
की शिकायत पर केन्द्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष बूटा सिंह ने जैत
का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात की थी। बाद में मुख्यमंत्री चौहान स्वयं
अपने गांव गए थे और उनके हस्तक्षेप के बाद विवाद सुलट गया था और दलितों ने
पूजा-अर्चना शुरू कर दी थी।
पीड़ित महिला का आरोप है कि उसने चूंकि गांव के ही दबंगों के विरुद्ध
शिकायत की थी, इसलिए विमलेश और लीलाधर नामक दो व्यक्ति उसके घर में घुस आए
और उन्होंने बिजली काटकर उसके साथ बारी-बारी से बलात्कार किया। उसका यह भी
आरोप है कि शाहगंज पुलिस को उसने शिकायत दी पर आरोपियों पर प्रकरण दर्ज
नहीं किया गया। इतना ही नहीं अब उसे गांव से बाहर किया जा रहा है।
बताते हैं कि इस महिला को पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के लिए खासी
मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कांग्रेस विधायक दल के उप नेता चौधरी राकेश
सिंह, पूर्व मंत्री एनपी प्रजापति और पार्टी प्रवक्ता एडवोकेट जेपी धनोपिया
गुरूवार को पीड़ित महिला को राज्य के पुलिस महानिदेशक एसके राउत के पास
लेकर गए थे और उन्हें एक शपथ पत्र के साथ शिकायत दी थी। पुलिस महानिदेशक ने
इसकी जांच के निर्देश दिए थे। जांच के बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा
376 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। यद्यपि दोनों आरोपी फरार हैं।
इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता जेपी धनोपिया ने कहा कि पुलिस
मुख्यमंत्री के दबाव में है और वह अपराधियों को पकड़ने के बजाए समझौता कराके
मामले को रफा दफा कराने में लगी है।