अकाल से भी अधिक राहत देंगे : मुंडा

रांची: झारखंड सरकार राज्य भर में अकाल की स्थिति से भी अधिक सूखा राहत देने का प्रयास करेगी, ताकि अकाल ङोलने की नौबत ही न आये. सूखा राहत पर मंगलवार को यहां हुई सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने यह संकल्प व्यक्त किया.

उन्होंने कहा कि सूखा राहत पैकेज की मांग को लेकर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलेगा. इसमें सांसद भी शामिल रहेंगे.  जिला स्तरीय सुझाव व अनुश्रवण समिति बनायी जायेगी. इस समिति में अन्य दलों के प्रतिनिधि भी शामिल रहेंगे. समिति के सुझाव पर ही राहत कार्य चलाया जायेगा. जनवितरण में जहां भी शिकायत मिलेगी, तुरंत कार्रवाई की जायेगी. प्रत्याक पंचायत में मनरेगा के तहत 25-25 सिंचाई कूप बनाये जायेंगे.

अभी अकाल जैसी स्थिति नहीं :  बैठक में शामिल प्रतिनिधियों ने एक सुर में झारखंड को अकालग्रस्त राज्य घोषित करने की मांग की. इस पर श्री मुंडा ने कहा कि अकाल बहुत ही भयावह स्थिति होने पर घोषित की जाती है. जब लोग मरने लगे, जानवर मरने लगे, तब अकाल की घोषणा की जाती है.

फिलहाल झारखंड में ऐसी स्थिति नहीं है. नियमानुसार 10 प्रतिशत से भी कम बारिश होने की स्थिति में अकाल की घोषणा की जाती है. सरकार अभी सुखाड़ राहत पर ही काम करेगी. स्थिति विपरीत होगी, तब अकालग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की प्रक्रिया भी अपनायी जायेगी.अकाल से भी अधिक ..सिंचाई कूपों के लिए 1600 करोड़ श्री मुंडा ने कहा कि सिंचाई कूपों का निर्माण राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं की अनुशंसा पर की जायेगी.

इस पर करीब 1600 करोड़ रुपये खर्च होंगे.  सरकार की जो भी योजना अधूरी है, उसे पूरा करने के लिए टाइम फ्रेम बनाया जायेगा. जल प्रबंधन की योजना पर भी काम होगा. बिजली, कृषि ण, फसल बीमा, पशुधन, पेयजल ओद के लिए विभागीय सचिवों को अगली कैबिनेट में प्रस्ताव लाने का निर्देश दिया गया है.25 किलो अनाज दिया जायेगा श्री मुंडा ने कहा कि 11 लाख अतिरिक्त एपीएल को बीपीएल में जोड़ा जा रहा है.

फिलहाल इन्हें सरकार अपने स्तर से लाभ देगी. इन्हें 25 किलो अनाज दिया जायेगा. पंचायत चुनाव होनेवाला है. उम्मीद है कि इसके बाद सुखाड़ राहत का लाभ सही लोगों को मिल पायेगा. श्री मुंडा ने केंद्रीय टीम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अब तक इस टीम ने कोई रिपोर्ट नहीं दी है कि झारखंड को कितनी राहत मिलेगी.राशनिंग सिस्टम बायोमेट्रिक्स होगाश्री मुंडा ने कहा कि पूरे राशनिंग सिस्टम को बायोमेट्रिक्स पद्धति से किया जायेगा.  राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने जनवितरण में अनियमितता की शिकायत की थी.

श्री मुंडा ने कहा कि इस सिस्टम से एक तो पहचान पत्र मिलेगा. दूसरा अंगूठे का निशान होगा. बिना निशान के राशन नहीं मिलेगा. सबका मानिटरिंग एक सेंट्रल सर्वर होगा. इससे प्रत्येक दिन पता चलेगा कि कितने लोगों को कितना राशन मिला है. इसमें गलती की कहीं कोई गुंजाइश नहीं है.

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