मानसून के बाद नीचे आएगी खाद्य मुद्रास्फीति

नई दिल्ली। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि वर्षा और बाढ़ का
असर समाप्त होने के साथ ही खाद्य वस्तुओं की महंगाई कम होने लगेगी।
उन्होंने भारी वर्षा, बाढ़ के कारण वस्तुओं की आपूर्ति में बाधा को 16
प्रतिशत की ऊंची महंगाई के लिए मुख्य वजह बताया।

मुखर्जी ने भरोसा जताया कि एक बार मानसून का असर समाप्त होने तथा
मौद्रिक नीति में किए गए बदलावों का प्रभाव बढ़ने से खाद्य मुद्रास्फीति
में नरमी आने लगेगी।

मुखर्जी ने कहा कि अतिरिक्त तरलता सोखने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा किए
गए उपायों से खाद्य मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। मुझे लगता
है कि मानसून की अवधि खत्म होने के बाद अगले कुछ दिनों में इसमें नरमी
आएगी और जो मौद्रिक नीति हमने अपनाई है उससे बैंकिंग तंत्र से अतिरिक्त
तरलता खत्म होगी।

अनाज, फलों, सब्जियों और दूध के दाम बढ़ने से 18 सितंबर को समाप्त हुए
सप्ताह में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 16.44 प्रतिशत पर पहुंच गई। भारी
बारिश एवं बाढ़ के चलते आपूर्ति बाधित होने से खाद्य वस्तुओं की
मुद्रास्फीति में यह तेजी आई।

बढ़ती महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत
में प्रमुख नीतिगत दरों में आधा प्रतिशत तक की वृद्धि की। रिजर्व बैंक ने
रेपो दर चौथाई प्रतिशत, जबकि रिवर्स रेपो आधा प्रतिशत बढ़ा दिया था।

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