मेरठ, जेएनएन। बाढ़ और बारिश महाकाल बनकर लोगों पर टूट पड़ी है। हादसों
की बाबत सुनने वालों की भी रूह कांप रही है। बिजनौर, बरेली और शहाजहांपुर
में सैलाब में दर्जनों लोग बह गए। जिनमें दस शव बरामद हो गये। बाकी लोगों
के बचने की भी उम्मीद नहीं है। वहीं, बागपत में मकान गिरने से पांच लोग
दबकर मर गए।
बिजनौर में आठ लोगों को बचने का सहारा छप्पर ही दिखा। परंतु पानी में
उतराता ये छप्पर इनके वजन को नहीं सह सका। मौत के डर से उन्होंने ‘हाय
बचाओ’ चिल्लाना शुरू कर दिया। इसी बीच छप्पर बास्टा क्षेत्र के पास
देवीपुरे के पुल से टकराकर पलट गया और उस पर खड़े आठों डूब गए। देर रात तक
उनका कोई पता नहीं चला। छप्पर पर तीन महिलाएं, चार बच्चे व एक पुरुष थे।
बरेली में भी दो लोगों की डूबने से मौत हो गई।
बागपत में माता कालोनी में एक दीवार झोंपड़ी पर गिर गई, जिसके नीचे दबकर
एक ही परिवार के चार बच्चों की मौत हो गई, जबकि उनकी मां गंभीर रूप से
घायल हो गई। यहीं के बंदपुर गांव में भी मकान गिरने से एक महिला की मौत गई।
शाहजहांपुर में ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर ला रहा सेना का स्टीमर
पलट गया। हादसे में एक दर्जन से अधिक लोग बह गए। जिसमें दो बच्चों की लाश
मिल गई है, बाकी लापता हैं। बदायूं के दातागंज इलाके में तीन लोग बाढ़ के
पानी में डूब गए। इनमें दो के शव मिल गए हैं।
बदायूं में गंगा नदी के कहर से जिला थर्रा गया है। गुन्नौर क्षेत्र में
बबराला के निकट हरिबाबा बांध कट जाने से हालात और नाजुक हो गए हैं। बाढ़
की वजह से बबराला रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का आवागमन आज गुरुवार को भी बंद
रहा। उधर, रामगंगा नदी ने दातागंज तहसील क्षेत्र में तबाही मचा रखी है।
यहां सेना पहुंच चुकी है।
मेरठ के हस्तिनापुर खादर में कई स्थानों पर एक से दो फुट तक जलस्तर
गिरने के बावजूद कई गांव व संपर्क मार्ग जलमग्न हैं। किठौर क्षेत्र के कई
गांवों में बाढ़ की स्थिति बेहद खराब है। सैकड़ों लोगों ने अभी भी राहत
शिविरों में शरण ले रखी है।
मुजफ्फरनगर के रामराज क्षेत्र में सेना ने सैकड़ों लोगों को सुरक्षित
बाहर निकाला। बुलंदशहर में नरौरा और अनूपशहर के कई गांवों में पानी घुस गया
है। नरौरा-मुरादाबाद मार्ग को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
अनूपशहर-मुरादाबाद मार्ग पर 25 मीटर चौड़ी सड़क कटकर बह जाने से मुरादाबाद को
जोड़ने वाला रास्ता बंद हो गया है। बदायूं मार्ग भी बंद है।
वहीं, चंदौसी के बबराला क्षेत्र के गांव सिसोना के निकट बांध ने कटान
शुरू कर दिया है। उधर, मुरादाबाद मंडल के तीनों जिलों में नदियां धीरे-धीरे
शांत होने लगी हैं और उनका जलस्तर घटने लगा है लेकिन कई गांवों में बाढ़
की तबाही कायम है।
दूसरी ओर नोएडा के गांवों नगला- नगली, दोस्तपुर में स्थिति और भयावह
है। गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय व तीन और गांवोंमें पानी घुसा है। रात दो बजे
तक बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकालने का काम चलता रहा।