केयर्न-वेदांता सौदे में ओएनजीसी का अड़ंगा

नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम
[ओएनजीसी] ने कहा है कि ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी पीएलसी बिना उसकी
[ओएनजीसी] मंजूरी के केयर्न इंडिया की बहुलांश हिस्सेदारी वेदांता
रिसोर्सेज को नहीं बेच सकती है।

ओएनजीसी ने यह दावा इस आधार पर किया है कि राजस्थान जैसे तेल क्षेत्र
में नहीं कहने का पहला अधिकार उसका है। राजस्थान के बारमेर तेल क्षेत्र में
सरकारी आपरेटर के नाते वह केयर्न इंडिया के साथ 30 प्रतिशत की हिस्सेदार
है।

इस बारे में ओएनजीसी के कंपनी सचिव एनके सिन्हा ने केयर्न एनर्जी
पीएलसी के मुख्य कार्यकारी बिल गैमल को पत्र लिखकर वेदांता के साथ सौदे का
विवरण मांगा है।

पत्र में कहा गया है कि एडिनबर्ग की कंपनी को अन्य सरकारी मंजूरियों के
अलावा इस सौदे के लिए ओएनजीसी की सहमति लेने की भी जरूरत है।

ओएनजीसी की 6.5 अरब बैरल के राजस्थान ब्लाक में 30 प्रतिशत की
हिस्सेदारी है। यह क्षेत्र केयर्न एनर्जी पीएलसी द्वारा केयर्न इंडिया में
बहुलांश हिस्सेदारी वेदांता रिसोर्सेज को 8.48 अरब डालर के सौदे में बिक्री
के मुख्य केंद्र में है। केयर्न इंडिया में 62. 37 प्रतिशत हिस्सेदारी
केयर्न एनर्जी के पास है। इस ब्लाक में केयर्न इंडिया की हिस्सेदारी 70
प्रतिशत की है।

ओएनजीसी का मानना है कि राजस्थान ब्लाक में अपनी हिस्सेदारी के कारण
उसे केयर्न इंडिया को खरीदने का पहला अधिकार है। लेकिन केयर्न इंडिया और
ओएनजीसी के बीच संयुक्त परिचालन करार के तहत ब्लाक में किसी भागीदार द्वारा
हिस्सेदारी की बिक्री की स्थिति में किसी भी पक्ष को पहला अधिकार होगा, पर
कंपनी का स्वामित्व बदलने के मामले में ऐसा अधिकार नहीं होगा।
केयर्न-वेदांता सौदे में स्वामित्व परिवर्तन हो रहा है।

उद्योग के विश्लेषकों का कहना है कि यदि केयर्न एनर्जी अपनी हिस्सेदारी
शेयर बाजार में बेचती, तो ओएनजीसी ज्यादा कुछ नहीं कर सकती थी। दो साल
पहले भी केयर्न इंडिया ने अपनी 14 प्रतिशत हिस्सेदारी मलएशिया की पेट्रोनस
को बेची थी, उस समय ओएनजीसी ने इस मामले में कुछ नहीं किया था।

अपने प्रथम अधिकार का इस्तेमाल करने पर ओएनजीसी को केयर्न इंडिया में
केयर्न एनर्जी के शेयर खरीदने के लिए 355 रुपये शेयर के भाव पर 12 से 13
अरब डालर का भुगतान करना पड़ सकता था।

ओएनजीसी ने केर्यन एनर्जी पीएलसी से प्रस्तावित खरीदार के साथ हुए करार
की पूरी जानकारी मांगी है। 355 रुपये प्रति शेयर के मूल्य पर केयर्न
इंडिया का मूल्य 67,355 करोड़ या 14. 6 अरब डालर बैठेगा। इस प्रक्रिया से
जुड़े एक सूत्र ने कहा कि केयर्न इंडिया की राजस्थान ब्लाक में हिस्सेदारी
का मूल्य 13 अरब डालर बैठेगा।

ओएनजीसी का मानना है कि राजस्थान ब्लाक में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी की
वजह से उसके बाद केयर्न इंडिया का स्वामित्व बदलने की स्थिति में कंपनी के
अधिग्रहण का पहला अधिकार है।

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