इटानगर। अरूणाचल प्रदेश सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री गेगांग अपांग के
इन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है कि करोड़ों के सार्वजनिक वितरण
तंत्र [पीडीएस] में अपांग की गिरफ्तारी के पीछे सरकार की राजनीतिक साजिश का
हाथ है।
सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री जरबोम गामलिन ने संवाददाताओं को
बताया कि विशेष जांच शाखा [एसआईसी] इस मामले की जो जांच कर रही है, उसमें
प्रदेश सरकार का कोई हाथ नहीं है। इसकी निगरानी गुवाहाटी हाईकोर्ट कर रहा
है।
गामलिन ने कहा कि हालांकि एसआईसी का गठन प्रदेश सरकार ने किया था,
लेकिन यह अदालत के निर्देशों पर स्वतंत्र तौर पर पीडीएस घोटाले की जांच कर
रही है।
गामलिन ने 15 जून, 2007 के अदालती आदेश का हवाला देते हुए कहा कि ये
आरोप पूरी तरह गलत और अवांछित हैं। बाकी की जांच सही तरह से, निष्पक्ष और
शीघ्रता से हो, इसके लिए अदालत एम एस चौहान को जांच दल का प्रमुख नियुक्त
करती है, जो सीधे अदालत को जानकारी देंगे, न कि प्रदेश की किसी एजेंसी को।
उन्होंने कहा कि दूसरे आरोपियों से पूछताछ के लिए, एसआईसी ने अलग-अलग
जिलों में अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं और प्रदेश सरकार को किसी भी मामले
में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। यह पूछे जाने पर कि अपांग का
मामला असम के उत्तरी लखीमपुर जिले के जिला सत्र न्यायाधीश को क्यों
स्थानांतरित कर दिया गया, प्रवक्ता ने कहा कि यह अदालती आदेश के आधार पर
किया गया है, ताकि मामले की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच हो सके।
अपांग को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था, जहां से उन्हें सात दिन की
पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। उन पर कथित तौर पर पीडीएस घोटाले में शामिल
होने का आरोप है।