नई दिल्ली। देश की प्रमुख रिसर्च फर्म क्रिसिल क्या दूर की कौड़ी ढूंढ़
कर लाई है। फर्म का कहना है कि अगर मल्टी ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष
विदेशी निवेश यानी एफडीआई को खुलकर आने दिया जाए तो कोल्ड स्टोरेज चेन में
निवेश को बढ़ावा मिलेगा। इससे सब्जियां और फल सस्ते हो जाएंगे।
क्रिसिल ने इसकी वजह यह बताई है कि कोल्ड स्टोरेज ज्यादा तैयार होंगे
तो जल्द खराब होने वाले खाद्य उत्पाद खासकर सब्जियां व फलों को अधिक समय तक
सुरक्षित रखा जा सकेगा। हाल ही में सरकार ने मल्टी ब्रांड [कई ब्रांड
वाले] रिटेल कारोबार में एफडीआई को लेकर आम लोगों के विचार मांगे हैं।
फिलहाल देश में सिंगल ब्रांड रिटेल में 51 फीसदी एफडीआई की अनुमति है, जबकि
मल्टीब्रांड में विदेशी निवेश की इजाजत नहीं है। क्रिसिल रिसर्च के
डायरेक्टर नागराजन नरसिम्हन ने कहा कि एक किसान को जितनी कीमत दी जाती है,
उसका करीब दो से ढाई गुना दाम भारतीय उपभोक्ता चुकाते हैं। थोक मूल्यों पर
आधारित खाद्य उत्पादों की महंगाई दर बीते साल नवंबर में 21 फीसदी के स्तर
पर पहुंच गई थी। फिलहाल महंगाई की यह दर 10 फीसदी की आसपास है।