अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य,पर्यटन,सिंचाई और पेयजल व बिजली आपूर्ति जैसे
क्षेत्रों में भी बढ़ावा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन क्षेत्रों में संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए हैं।
वे गुरुवार को मंत्रालय में जन-निजी भागीदारी विषयक बैठक को संबोधित कर रहे
थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले तीन सालों में पीपीपी के जरिए हुए निवेश
को दोगुना किया जाएगा। उन्होंने अगले एक माह के दौरान पीपीपी मोड के तहत 25
हजार करोड़ रुपए की निवेश परियोजनाएं तैयार करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने सिचाई, बिजली आपूर्ति और स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक-एक
पायलट प्रोजेक्ट तत्काल बनाने को कहा। बैठक में विशेषतौर पर शामिल हुए
योजना आयोग के उपाध्यक्ष के सलाहकार गजेंद्र हल्दिया ने कहा कि मप्र ने
पीपीपी मोड से सड़कों के निर्माण का सफल उदाहरण देश के समक्ष रखा है।
उन्होंने ऐसे प्रोजेक्टों के संबंध में प्रदेश को हरसंभव सहयोग देने का
भरोसा दिलाया। बैठक में वित्त मंत्री राघवजी, जल संसाधन मंत्री जयंत मलैया,
उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, स्वास्थ्य राज्य मंत्री महेंद्र
हार्डिया, मुख्य सचिव अवनि वैश्य सहित विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव और
सचिव उपस्थित थे।