पटना, जासं : नेपाल से एक लाख तिरासी हजार चार सौ क्यूसेक पानी छोड़े
जाने के कारण रविवार को उत्तर बिहार में गंडक के जलस्तर में वृद्धि जारी
है। इससे पश्चिमी चंपारण के योगापट्टी और बैरिया अंचल के दर्जनों गांवों
में पानी घुस गया है। हजारों एकड़ में लगी गन्ने व धान की फसलें डूब गयी
हैं। चंपारण तटबंध व पीडी रिंग बांध समेत बेतिया जिला मुख्यालय पर खतरा बढ़
गया है। खगड़िया में बागमती व कोसी खतरे के निशान से ऊपर हैं। इन नदियों
में छह घरों के विलीन हो जाने की सूचना है। सहरसा में चार सौ वर्ष पुराना
कबीर चौरा मठ एवं विद्यालय भवन कोसी में विलीन हो गया है।
जानकारी के मुताबिक बगहा के चौतरवा दियारा का नैनाहा गांव पानी से घिर
गया है। चिउरही, रेवहिया, कोल्हुआ पड़री, भड़रवा, सिसही गांव में भी पानी
प्रवेश करने लगा है। गांवों के बीच परस्पर संपर्क भंग होने से परेशानी बढ़
गई है। गंडक का निचला जलस्तर 2 लाख 12 हजार 200 क्यूसेक तक पहुंच गया है।
नदी का कुल जलस्त्राव 2 लाख 30 हजार एक सौ दर्ज किया गया है। शीर्ष कार्य
प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता के.डी. सिंह ने कहा कि गंडक बराज को दुरुस्त
रखने के लिए विभाग चौकस है। योगापट्टी के वैशिया, मनेजरी, सिसवा, मंगलपुर,
खाप टोला, छोटा चौमुखा के अलावा बैरिया अंचल के घोड़हिया, सिंगही, रखही,
श्रीनगर, गम्भीरपुर तथा अल्पाहां गांव में पानी घुसने से अफरातफरी है। लोग
बांधों और ऊंचे टीले पर परिवार व माल मवेशियों के साथ जा रहे हैं। बैरिया
के सीओ समीर कुमार शरण ने वरीय पदाधिकारियों को त्राहिमाम संदेश भेजा है।
सीतामढ़ी में बागमती व अधवारा के जलस्तर में वृद्धि जारी है। रविवार को भी
बागमती का जलस्तर कटौझा में लाल निशान के पार रहा।
खगड़िया में कोसी और बागमती खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। वहीं
बागमती संतोष में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जानकारी के अनुसार चौथम
प्रखंड की मध्य वोरने पंचायत स्थित तैगाछी में दो घर बागमती तथा बेलदौर
प्रखंड की तेलिहार पंचायत स्थित गल्टू मड़रवासा में उपप्रमुख बेचन ठाकुर
समेत चार लोगों केघर कोसी नदी में विलीन हो गए। इन लोगों के घर जमींदारी
बांध के अंदर थे।
सहरसा जिले के सिमरी बख्तियापुर प्रखंड के सहुरिया गांव स्थित चार सौ
वर्ष पुराना कबीर चौरा मठ एवं प्राथमिक विद्यालय रामपुर का भवन कोसी के
गर्भ में समा गया है। पिछले दो दिनों में दो दर्जन से अधिक घर कटाव को भेट
चढ़ चुके हैं।