देवघर, मधुपुर। मधुपुर अनुमंडल क्षेत्र के लोगों ने सूदखोरों के खिलाफ
मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को लोगों ने अनुमंडल पदाधिकारी के खिलाफ
नारेबाजी की। सभी पीड़ित हाथों में तख्ती लिए हुए थे। मौके पर पीड़ित दर्जनों
लोगों द्वारा हस्ताक्षरित राज्यपाल के नाम प्रेषित ज्ञापन को
अनुमंडलाधिकारी को सौंपा। राज्यपाल के नाम लिखित पत्र में पीड़ितों ने न्याय
दिलाने की मांग करते हुए सूदखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की गुहार
लगायी है। पीड़ित राजेश यादव, उत्ताम कुमार दां, मो. टारजन, इस्तियार खां,
सुधीर दास, उमेश रजक, अताउल मिर्जा, वसीम, मो. मकसूद, जुनेद खां सहित
दर्जनों लोगों ने ज्ञापन में कहा है कि मधुपुर सूदखोरों का शहर बनकर रह गया
है। सूदखोरों ने बड़े ही चालाकी से राजनीतिक व स्थानीय प्रशासन के बीच
मधुपुर में संबंध बना कर आकूत संपत्तिबना लिया है। इनके जाल में फंसा कर कई
लोगों ने अपनी जमीन व मकान सूद में दे दिया। बावजूद कर्जदार बने हुए हैं।
यहां के रेलवे विभाग, नगर पालिका, वयोवृद्ध पेंशनधारी, स्थानीय फैक्ट्रियों
में काम करने वाले मजदूर, गरीब, किसान तबके के लोग सूदखोरों के जाल में
विगत 25 वर्षो से अधिक समय से फंसे हुए हैं और पानी में मछली की तरह छटपटा
रहे हैं। सूदखोरों का आतंक इस तरह व्याप्त है कि सैकड़ों पेशनधारी लोगों के
बैंक पासबुक को अपने कब्जे में कर रखा है तथा पेंशन व वेतन मिलने के दिन
सूदखोर ही पास बुक लेकर बैंक आते हैं। रुपये की निकासी के बाद सारा खाता बल
पूर्वक छीन लेते हैं। सूदखोरों की दबंगता व मारपीट के डर से कोई भी पीड़ित
लोग इनके खिलाफ आवाज उठाने से घबराते रहे हैं। अधिकांश सूदखोरों का गिरोह
किसी न किसी राजनीतिक दल से जुडे़ होते हैं। जिसकी छत्रछाया में वे
गोरखधंधा खुलकर कर रहे हैं। पीड़ित लोगों ने राज्यपाल से निवेदन किया है कि
उपरोक्त धंधे में लिप्त लोगों को चिह्नित कर सख्ती से कानूनी कार्रवाई की
जाय।
मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को लोगों ने अनुमंडल पदाधिकारी के खिलाफ
नारेबाजी की। सभी पीड़ित हाथों में तख्ती लिए हुए थे। मौके पर पीड़ित दर्जनों
लोगों द्वारा हस्ताक्षरित राज्यपाल के नाम प्रेषित ज्ञापन को
अनुमंडलाधिकारी को सौंपा। राज्यपाल के नाम लिखित पत्र में पीड़ितों ने न्याय
दिलाने की मांग करते हुए सूदखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की गुहार
लगायी है। पीड़ित राजेश यादव, उत्ताम कुमार दां, मो. टारजन, इस्तियार खां,
सुधीर दास, उमेश रजक, अताउल मिर्जा, वसीम, मो. मकसूद, जुनेद खां सहित
दर्जनों लोगों ने ज्ञापन में कहा है कि मधुपुर सूदखोरों का शहर बनकर रह गया
है। सूदखोरों ने बड़े ही चालाकी से राजनीतिक व स्थानीय प्रशासन के बीच
मधुपुर में संबंध बना कर आकूत संपत्तिबना लिया है। इनके जाल में फंसा कर कई
लोगों ने अपनी जमीन व मकान सूद में दे दिया। बावजूद कर्जदार बने हुए हैं।
यहां के रेलवे विभाग, नगर पालिका, वयोवृद्ध पेंशनधारी, स्थानीय फैक्ट्रियों
में काम करने वाले मजदूर, गरीब, किसान तबके के लोग सूदखोरों के जाल में
विगत 25 वर्षो से अधिक समय से फंसे हुए हैं और पानी में मछली की तरह छटपटा
रहे हैं। सूदखोरों का आतंक इस तरह व्याप्त है कि सैकड़ों पेशनधारी लोगों के
बैंक पासबुक को अपने कब्जे में कर रखा है तथा पेंशन व वेतन मिलने के दिन
सूदखोर ही पास बुक लेकर बैंक आते हैं। रुपये की निकासी के बाद सारा खाता बल
पूर्वक छीन लेते हैं। सूदखोरों की दबंगता व मारपीट के डर से कोई भी पीड़ित
लोग इनके खिलाफ आवाज उठाने से घबराते रहे हैं। अधिकांश सूदखोरों का गिरोह
किसी न किसी राजनीतिक दल से जुडे़ होते हैं। जिसकी छत्रछाया में वे
गोरखधंधा खुलकर कर रहे हैं। पीड़ित लोगों ने राज्यपाल से निवेदन किया है कि
उपरोक्त धंधे में लिप्त लोगों को चिह्नित कर सख्ती से कानूनी कार्रवाई की
जाय।