पटना, जागरण ब्यूरो : बिहार में हाईस्कूल के छात्र-छात्राओं को भी
मध्याह्न भोजन दिये गये। वहीं जननी बाल सुरक्षा योजना के 298 लाभार्थियों
को एक दिन से दो माह की अवधि में पांच बार भुगतान किया गया। विधानसभा में
राजद विधायक दल के उप नेता शकील अहमद खां व प्रधान महासचिव सांसद रामकृपाल
यादव ने इसका खुलासा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व वित्त
मंत्री सुशील कुमार मोदी अपने ही तैयार सरकारी दस्तावेजों से ही फंसते जा
रहे हैं।
नेताद्वय ने कहा कि वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने उपलब्धि
प्रतिवेदन में हाई स्कूलों के भी 38,80,200 छात्र- छात्राओं को मध्याह्न
भोजन योजना के तहत पका पकाया भोजन देने का दावा किया है, जबकि योजना हाई
स्कूलों के लिए नहीं है। इन्होंने कहा कि इसमें राशि की मात्र लूट हुई है।
राजद के उक्त नेताओं ने संवाददाताओं से कहा कि श्री मोदी के प्रतिवेदन
के अनुसार आईसीटी कार्यक्रम के तहत 1000 माध्यमिक विद्यालयों में कम्प्यूटर
शिक्षा प्रदान करने के लिए कम्प्यूटर खरीद की गयी। इस मद में 13.35 करोड़
रुपये व्यय हए है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना बिजली व जेनरेटर की
सुविधा दिए किस प्रकार कम्प्यूटर को चलाया जा सकता है। इसके लिए शिक्षक भी
नहीं हैं। राजद के उक्त नेताओं कहा कि भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक ने
अपनी रिपोर्ट में नीतीश सरकार के विकास के खोखले दावे की सच्चाई को लोगों
के समक्ष रख दिया है। चारा घोटाले पर शोर मचाने वाले नेताओं को उस समय
तमाचा लगा जब सीएजी ने बाढ़ के दौरान स्कूटर व मोटरसाइकिल से गोदाम से अनाज
की ढुलाई का भंडाफोड़ किया। स्वास्थ्य विभाग में तो 6.66 लाख रुपये का
कपटपूर्ण भुगतान कर दिया गया। जननी सुरक्षा योजना के तहत 298 लाभार्थियों
को एक दिन से दो माह की अवधि के भीतर दो से पांच बार भुगतान किया गया। राजद
द्वारा महालेखाकार से अनुरोध किया जायेगा कि वे राज्य सरकार द्वारा तैयार
हो रहे डीसी विपत्रों को स्वीकार नहीं करें।