नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो : हाईकोर्ट ने सूचना का अधिकार कानून में
संशोधन करते हुए जानकारी मांगने वालों को और सहूलियतें दी हैं। हाईकोर्ट से
आरटीआई से संबंधित कार्य सुबह 11 से शाम 4 बजे होंगे। तात्कालिकता की
स्थिति में भी इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा। यही नहीं,
पहले हाईकोर्ट द्वारा आरटीआई के लिए वसूली जाने वाली 500 रुपये की रकम
घटाकर सिर्फ 50 रुपये कर दी गई है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने पारदर्शिता कानून में यह संशोधन आरटीआई कार्यकर्ता
अनूप प्रकाश के सुझावों पर विमर्श के बाद किया है। जानकारी देने के लिए
इंडियन पोस्टल आर्डर, डिमांड ड्राफ्ट और पे-आर्डर भी स्वीकार होने लगे हैं।
अनूप को हाईकोर्ट द्वारा भेजे पत्र में कहा गया है कि आपके सुझावों और
चिन्हित की गई खामियों पर दिल्ली हाईकोर्ट रूल्स 2006 में संशोधन कर उसे
अधिसूचित किया गया है। यह दिल्ली गजट में देखा जा सकता है। अनूप प्रकाश ने
विभिन्न हाईकोर्ट द्वारा आरटीआई के संबंध में बनाए गए नियमों में व्याप्त
कमियों व विसंगतियों के बारे में बताया था।
दिल्ली हाईकोर्ट के एक अधिकारी के अनुसार रजिस्ट्रार जनरल या पीआईओ (जन
सूचना अधिकारी) को संबोधित आवेदन स्वीकार किए जाते हैं। लेकिन, जिन आवेदनों
में संबंधित पीआईओ का नाम दर्ज होता है, उन्हें स्वीकार नहीं किया जाता
है। पहले आवेदन पर नकद 500 रुपये शुल्क लिए जाते थे, संशोधन के बाद मात्र
50 रुपये लिए जाने लगे हैं।