अवैध खनन पर कसेगी नकेल

नई दिल्ली [असित अवस्थी]। मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह [ईजीओएम]
की पहली बैठक में अवैध खनन का मुद्दा गरमाने के बाद इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस
ने इसकी रोकथाम की तैयारियां और तेज कर दी हैं। अगले एक-दो महीने के दौरान
वह झारखंड और उड़ीसा में में लौह अयस्क [आयरन ओर] व बाक्साइट की 100 से
ज्यादा खदानों में निरीक्षण कर कामकाज का जायजा लेगा।

लौह अयस्क तथा बाक्साइट की प्रचुरता वाले झारखंड व उड़ीसा जैसे राज्यों
में तेजी से बढ़ रहे अवैध खनन से राज्य सरकारों के राजस्व को चपत लग रही
है। लिहाजा, खनन नियामक इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस [आईबीएम] अवैध खनन पर नकेल
कसेगा।

आईबीएम के मुताबिक झारखंड, उड़ीसा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश व गुजरात में
खनिजों के अवैध खनन की जानकारियां मिली हैं। इससे निपटने के लिए एक विशेष
कार्यबल [एसटीएफ] बनाया गया है। कार्यबल ने इन पांच राज्यों की 106 खदानों
की जांच की थी। इसमें तय शर्तो के विरुद्ध खनन करने पर 31 मार्च, 2010 तक
66 खदानों के खनन परिचालन पर रोक लगा दी गई है।

उधर, केंद्र सरकार ने अवैध खनन से निपटने के लिए राज्यों को रिमोट
सेंसिंग उपकरण व सेटेलाइट इमेजिंग की पद्धति को अपनाने की सलाह भी दी है।

एक सवाल के जवाब में आईबीएम के कंट्रोलर जनरल सीएस. गुंडवेर ने बताया
कि इसी तिमाही में झारखंड व उड़ीसा में खदानों का निरीक्षण किया जाएगा। नियम
के मुताबिक अवैध खनन रोकने के लिए खदानों को कारण बताओं नोटिस तथा खनन
परिचालन रोकने का भी प्रावधान है। बीते वर्ष आईबीएम 2500 के लक्ष्य की
तुलना में 2375 खदानों का ही निरीक्षण कर पाया था। कर्मचारियों की कमी के
चलते इस साल उसने 2000 खदानों के निरीक्षण का लक्ष्य रखा है।

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