नई दिल्ली [नीलू रंजन]। भ्रष्टाचार रोकने के अब तक किए गए प्रयासों की
विफलता के बाद सरकार इसके लिए अब एक नई राष्ट्रीय रणनीति बनाने जा रही है।
रणनीति बनाने का काम शुरू हो चुका है और केंद्रीय सतर्कता आयोग [सीवीसी]
इसका प्रारूप तैयार कर रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीवीसी को इसी
महीने के अंत तक रणनीति का मसौदा बनाकर सरकार को सौंपने को कहा गया है।
प्रस्तावित ‘राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक रणनीति’ के बारे में सीवीसी
के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसमें नीचे से ऊपर तक सभी अधिकारियों की
जिम्मेदारी तय की जाएगी। गड़बड़ी पाए जाने पर उसी के अनुरूप कार्रवाई करने का
प्रावधान होगा। फिलहाल किसी भी विभाग में तमाम अधिकारी एक दूसरे पर
जिम्मेदारी डालकर अपना दामन बचा लेते हैं।
नई रणनीति में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के लिए बनाई गई तमाम
एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल बनाने पर खासा जोर दिया जा रहा है। फिलहाल
केंद्र और राज्यों की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसियों के बीच कोई तालमेल नहीं
है। हालत यह है कि किसी राज्य सरकार के अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार की
शिकायत मिल जाने पर सीवीसी या सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसी कोई कार्रवाई
नहीं कर सकती। सीवीसी के अधिकारियों के अनुसार सभी एजेंसियों के बीच
सूचनाओं का आदान-प्रदान शुरू हो जाने से भ्रष्टाचारियों के खिलाफ त्वरित व
प्रभावी कार्रवाई की जा सकेगी।
इस रणनीति के बन जाने से पहली बार भ्रष्टाचार की समस्या को एक
राष्ट्रीय आयाम मिलेगा और इसे रोकने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किए
जाएंगे। वैसे सीवीसी के कुछ अधिकारियों को इस पूरी कवायद पर ज्यादा भरोसा
नहीं है। ऐसे ही एक अधिकारी ने कहा कि एक तो सरकार पहले से मौजूद कानूनी
प्रावधानों को कड़ाई से लागू करने के लिए तैयार नहीं है और सीबीआई की
चार्जशीट तैयार हो जाने के बाद 165 अधिकारियों के खिलाफ अदालत में उसे
दाखिल करने की अनुमति नहीं दी रही है। उनके अनुसार, इस तरह की रणनीति बनाने
से पहले सरकार को भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई का मन बनाना चाहिए।