नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अंगुली के निशान व स्मार्ट कार्ड के जरिए
राशन दुकानों से अनाज देने की नायाब योजना हरियाणा और चंडीगढ़ में मंगलवार
से शुरू हो गई। पायलट परियोजना के सफल होने पर इसे पूरे देश में लागू किया
जाएगा। मंगलवार को इसे चार जिलों में लांच किया गया। अगले डेढ़ सालों में
यह पूरे राज्य में लागू हो जाएगी।
देश के चार राज्यों में राशन प्रणाली के सभी आंकड़ों का कंप्यूटरीकरण
किया जा रहा है। इस बारे में खाद्य सचिव अलका सिरोही ने बताया कि असम,
आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और दिल्ली में यह कार्य प्रगति पर है। जो राज्य इस
अभियान में शामिल होना चाहते हैं, आग्रह पर उन्हें भी रखा जा सकता है।
योजना के तहत हरियाणा की सभी राशन दुकानों पर बायोमीट्रिक मशीनें स्थापित
कर दी जाएंगी। मंगलवार को हरियाणा के अंबाला, पानीपत, सिरसा और घरौंदा में
योजना की शुरूआत की गई है। इसकी लांचिंग के लिए खासतौर पर पहुंचे राज्य के
खाद्य मंत्री महेंद्र प्रताप ने इसे समय से पूरा कर लेने की प्रतिबद्धता
जताई। इस अवसर पर उन्होंने केंद्र सरकार से राशन दुकानदारों केकमीशन में
वृद्धि का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि इसे बहुत कम होने की दशा में भी
राशन की चोरी होती है।
उल्लेखनीय है कि इस परियोजना की शुरूआत 2008-09 के केंद्रीय आम बजट में
ही हो गई थी। इसके लिए 150 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। लेकिन साल
भर इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हो पाई थी। इस योजना में राशन दुकानों से
अनाज उठाने वाले प्रत्येक उपभोक्ता के अंगुली के निशान रखे जाते हैं। उनके
पास एक स्मार्ट कार्ड होगा, जिसे मशीन में स्वैप कर उंगली के निशान से परखा
जाएगा। इससे अनाज की चोरी और कार्ड की हेराफेरी रोकने में सफलता मिलेगी।