पटना। प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी [माओवादी] के बिहार
सहित पांच राज्यों में 48 घंटे के बंद का मिलाजुला प्रभाव देखा जा रहा है।
बंद के मद्देनजर पूरे बिहार में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए है।
राज्य के नक्सल प्रभावित जिलों औरंगाबाद, गया, जमुई, अरवल, जहानाबाद,
रोहतास और मुंगेर जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में इस बंद का व्यापक असर
देखा जा रहा है। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश दुकानें बंद है
तथा यातायात पर भी इस बंद का प्रतिकूल असर पड़ा है।
बंद के कारण लंबी दूरी की बसें तथा ग्रामीण क्षेत्रों में वाहन नहीं चल
रहे है जबकि रेलवे द्वारा पलामू एक्सप्रेस सहित छह से ज्यादा रेलगाड़ियों
को एक जुलाई तक रद्द कर दिया गया है जबकि करीब 10 रेलगाड़ियों के मार्ग में
परिवर्तन कर दिया गया है। नक्सलियों ने इस बंद में रेलवे को मुक्त रखने कर
घोषणा की है।
इधर, राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक पी के ठाकुर ने बुधवार को बताया कि
राज्य में बंद के दौरान अब तक कहीं से अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
उन्होंने कहा कि पुलिस पूरी तरह चौकस है तथा रेल सेवाओं को बंद से अलग रखने
के बावजूद पुलिस रेल मार्ग पर पूरी तरह सतर्कता बरत रही है। उन्होंने कहा
कि बंद के मद्देनजर आम लोगों की सुरक्षा के लिए एहतियातन कई कदम उठाए गए है
तथा राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई
है।
उल्लेखनीय है कि भाकपा [माओवादी] ने बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम
बंगाल और उड़ीसा में 48 घंटे के बंद का आह्वान किया है।