ग्रामीण बच्चों में खून की कमी

ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों में खून की कमी गंभीर समस्या के रूप में उभर
कर सामने आ रही है। हाल ही में स्वास्थ्य विभाग ने जिले के आंगनवाड़ी
केंद्रों में आने वाले बच्चों का मेडिकल चेकअप किया है। इसमें 0 से 6 साल
तक के करीब साढ़े 15 हजार बच्चों को शामिल किया गया था। स्वास्थ्य विभाग
की इस मेडिकल रिपोर्ट में 833 बच्चे एनीमिया से ग्रस्त पाए गए हैं। इसके
अलावा ढाई हजार से ज्यादा बच्चों में वजन कम पाया गया है। बच्चों में सभी
प्रकार की कमजोरियों को दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग अभियान शुरू
करेगा। जिन बच्चों में खून व वजन की कमी पाई गई है, उनका नियमित उपचार
किया जाएगा।

इन रोगों से ज्यादा ग्रस्त

इंदिरा बाल स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत आंगनवाड़ी केंद्रों में 6 साल तक
के बच्चों को मेडिकल चेकअप किया गया है। इसके तहत जिले में कुल 15662
बच्चों का स्वास्थ्य जांचा गया। इनमें 3775 बच्चे 0 से 1 साल तक व 11797
बच्चे 2 से 6 साल तक के हैं। मेडिकल चेकअप में खून की मात्रा, वजन, सुनने
की क्षमता, बोलने की क्षमता, डायरिया, आंखों की प्रॉब्लम, बुखार, खांसी,
जुकाम व दांतों आदि की जांच की गई। जांच रिपोर्ट के अनुसार एनीमिया, वजन
की कमी, बुखार, डायरिया व दांतों की तकलीफ सबसे ज्यादा बच्चों में पाई गई
है। एनीमिया ग्रस्त 833 बच्चों में 7 ग्राम से भी कम खून पाया गया है। एक
स्वस्थ्य बच्चे में 10 से 14 ग्राम खून होना चाहिए, जबकि 206 बच्चों में 7
से 10 ग्राम के बीच खून की मात्रा पाई गई है। चिकित्सकों की मानें तो दस
ग्राम से कम हिमोग्लोबिन मात्रा भी बच्चे के लिए खतरा पैदा कर सकती है।

अनपढ़ता है कमजोरी का कारण

योजना प्रभारी एवं डिप्टी सीएमओ डॉ. रमेश चक्रवर्ती के मुताबिक गांवों में
अधिकांश महिलाओं को पोष्टिक आहार के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती।
जच्चा व बच्चा के किस तरह के रोग हो सकते हैं, उन रोगों का कैस उपचार किया
जाए और संतुलित आहार में क्या होना चाहिए, इन बातों के बारे में बहुत सी
महिलाएं पूरी तरह अनभिज्ञ पाई जाती हैं। अब जिन बच्चों में किसी भी प्रकार
की कमजोरी पाई गई हैं, उनका स्वास्थ्य विभाग नि:शुल्क इलाज करेगा। यदि
सामान्य कमजोरी है तो बच्चों को घर बैठे दवा उपलब्ध करा दी जाएगी। अगर
हालत ज्यादा खराब है तो उन बच्चों को स्वास्थ्य केंद्रों में दाखिल किया
जाएगा।

इसके अलावा महिलाओं को भी इन समस्याओं के प्रति अवगत कराया जाएगा।

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