जागरण प्रतिनिधि, शिमला : पिछड़ा जिला होने का दंश झेल रहे चंबा के लिए
एक सुखद खबर है। साक्षर भारत मिशन 2012 के तहत चंबा जिला की निरक्षर
महिलाओं को साक्षर बनाने के लिए विशेष कार्ययोजना चलाई जाएगी। केंद्र से
इसकी मंजूरी आ गई है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के तहत इस पर काम शुरू हो
गया है। यह योजना देश के उन जिलों के लिए है, जहां महिला साक्षरता दर पचास
फीसदी से कम है। चंबा में यह दर 37.17 फीसदी है। यहां 15 साल व इससे अधिक
आयु वर्ग में महिला साक्षरता की स्थिति बेहद दयनीय है। यहां पांच
तहसीलें-उप तहसीलें ऐसी हैं, जहां महिला साक्षरता दर पचास फीसदी से कम है।
प्रौढ़ शिक्षा निदेशालय के परियोजना निदेशक जेएस धीमान ने केंद्र से मंजूरी
मिलने की पुष्टि की है। हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से हिमाचल दौरे पर
आई उप सचिव सिम्मी चौधरी ने भी इस बारे में प्रदेश शिक्षा विभाग से इस बारे
में चर्चा की थी।
साक्षरता में शानदार रिकार्ड रखने वाले हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला की
स्थिति दयनीय है। यहां महिला साक्षरता दर पचास फीसदी से कम है। 15 साल व
इससे ऊपर की आयु वर्ग में महिला साक्षरता दर चिंताजनक है। यहां चुराह तहसील
में यह दर 32.10 फीसदी, भलेई में 41.0 फीसदी, सलूणी में 42.7 फीसदी, पांगी
में 44.2 फीसदी व होली तहसील में 49.8 फीसदी है। उल्लेखनीय है कि पिछले
साल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सितंबर माह में साक्षर भारत मिशन 2012
चलाने का ऐलान किया था। इसमें देश के उन 365 जिलों में विशेष मुहिम चलाई
जानी थी, जहां महिला साक्षरता दर पचास फीसदी से कम है। इनमें हिमाचल का
चंबा जिला भी शामिल है।
परियोजना निदेशक जेएस धीमान ने बताया कि प्रारंभिक स्तर पर जिला चंबा
में काम शुरू हो गया है। यहां राज्य साक्षरता मिशन अथारिटी का पुनर्गठन
होगा। इसके अलावा जिला साक्षरता समितियों को काम सौंपा जाएगा। इसके लिए आठ
करोड़ से अधिक की राशि खर्च होनी है। अभियान में राज्य संसाधन केंद्र शिमला
की मदद ली जाएगी। केंद्र की ओर से तैयार प्रवेशिका हिम संदेश भी अभियान में
प्रयोग की जाएगी।
चंबा में केवल निरक्षर महिलाओं को ही नहीं पढ़ाया जाएगा, बल्कि अनपढ़
पुरुषों को भी अक्षर ज्ञान दिया जाएगा। इसके अलावा उन्हें रोजगारपरक
जानकारियां भी उपलब्ध करवाई जाएंगी।