दूध, दाल व सब्जियों के चलते खाद्य महंगाई दर बढ़ी

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मानसून के बाद खाद्य कीमतों में कमी आने की
उम्मीद लगाए केंद्र सरकार को मुंह की खानी पड़ सकती है। दरअसल, मानसून से
पहले कुछ प्रमुख खाद्य उत्पादों की कीमतों में काफी तेजी से वृद्धि हो रही
है। केंद्र सरकार के ताजा आंकड़े बताते हैं कि दूध, दाल और सब्जियों की
कीमतों में लगातार तेजी का रुख बना हुआ है। इसके चलते 12 जून को समाप्त
सप्ताह में खाद्य उत्पादों की महंगाई की दर बढ़कर 16.90 फीसदी हो गई है।
इससे पूर्व सप्ताह में यह 16.12 फीसदी पर थी। यह वृद्धि इसलिए भी चिंताजनक
है क्योंकि गैर खाद्य उत्पादों की कीमतों को काबू में करने में भी सरकार
विफल रही है। पिछले मासिक आंकड़े बताते हैं कि सीमेंट, रसायन, धातु उत्पादों
की कीमतें भी लगातार बढ़ रही हैं।

गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक सालाना आधार पर दालों की कीमतों में
34 फीसदी और दूध की कीमतों में 21 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि हुई है। अन्य
सब्जियों की कीमतों में 4.32 फीसदी की वृद्धि हुई है। वार्षिक आधार पर
फलों की थोक कीमतों में 13 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि हो चुकी है। अगर गैर
खाद्य उत्पादों की बात करें तो इस दौरान खनिजों की कीमतों में 20 फीसदी से
ज्यादा और ईधन, बिजली आदि में 13 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि हुई है। ऐसे
में केंद्र सरकार अगर पेट्रो उत्पादों को महंगा करने का फैसला भी करती है
तो उसका भी असर महंगाई की दर पर काफी व्यापक होगा।

महंगाई की इस स्थिति के चलते भारतीय रिजर्व बैंक [आरबीआई] पर ब्याज
दरों को लेकर दबाव बढ़ना लाजिमी है। इस महीने की शुरुआत में जब मई, 2010 के
महंगाई के मासिक आंकड़े आए थे तभी यह साफ हो गया था कि ब्याज दरों की
वृद्धि को अब ज्यादा दिनों तक टाला नहीं जा सकेगा। उसके बाद दो साप्ताहिक
आंकड़े आ चुके हैं और हालात सुधरते नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में देखना होगा कि
केंद्रीय बैंक ब्याज दरों को लेकर क्या रुख अपनाता है। जानकारों का कहना
है कि केंद्रीय बैंक को महंगाई की स्थिति के साथ ही बाजार में तरलता की
स्थिति को भी ध्यान में रखना होगा। थ्री जी और बीडब्ल्यूए निविदा के पूरा
होने के चलते बैंकों के पास तरलता [फंड] की काफी कमी हो गई है। ब्याज दरों
के बढ़ने से बैंकों के पास फंड का संकट और गहरा जाएगा। इससे उद्योगों को
कर्ज मिलने में मुश्किल हो सकती है। जाहिर है कि रिजर्व बैंक को काफी सोच
समझ कर फैसला करना होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *