हरियाणा-उप्र सीमा पर तनातनी

करनाल। हरियाणा व उत्तार प्रदेश के किसानों के बीच जमीन पर कब्जे के
लिए एक बार फिर से विवाद खड़ा हो गया है। हथियारों से लैस उप्र के किसानों
ने बुधवार को यहां के किसानों की फसल नष्ट कर दी।

बुधवार को उत्तार प्रदेश के किसानों ने यहां के किसानों के गन्ने, धान
की पनीरी व खाली जमीन पर ट्रैक्टर चला दिया। हरियाणा के किसानों ने उप्र के
किसानों पर जान से माने की धमकी देने का आरोप लगाया है। सारी घटना की
जानकारी प्रशासन व पुलिस को देने के बावजूद ढीली कार्रवाई से खफा गांव
गढ़ीबीरबल के किसानों ने बुधवार रात को गांव में पंचायत की। पंचायत में
सारे घटनाक्रम को लेकर बृहस्पतिवार को एसडीएम व डीसी से मिलने का फैसला
लिया है।

गढ़ीबीरबल के किसानों महमा सिंह, राजकुमार, राम सिंह, गुरदेव, सतबीर,
प्रेम सिंह कांबोज, प्रीता गडरिया व चांद बीर मंढाण ने बताया कि वे गढ़पुर
टापू व उप्र के गांव नानूपुर व सहसपुर के साथ लगती जमीन पर पिछले 30 वर्षो
से खेती कर रहे हैं। निशानदेही में भी यह जमीन हरियाणा के किसानों के
हिस्से में आई थी, लेकिन उप्र के किसानों ने निशानदेही के पिलर आगे सरका
दिए हैं। कई जगह पिलर यमुना के पानी में बह गए हैं।

इसी को आधार बनाकर हथियारों से लैस होकर ट्रैक्टर पर आए उप्र के दो
दर्जन से ज्यादा किसानों ने उनके खेतों पर धावा बोल दिया। इन किसानों का
कहना है कि उप्र के किसानों ने प्रीता गडरिया की एक एकड़ गन्ना व अमर सिंह
कांबोज की एक कनाल धान की पनीरी को नष्ट कर दिया। इसके अलावा भी कई किसानों
की जमीन पर ट्रैक्टर चलाया गया है।

बुधवार रात को इस मुद्दे पर गढ़ीबीरबल के किसानों ने पंचायत की। किसान
राजकुमार, गुरदेव सिंह व महमा सिंह की अगुवाई में आयोजित पंचायत में फैसला
लिया गया कि गढ़ीबीरबल, चंद्राव व गढ़पुर टापू के किसान एसडीएम इंद्री व
उपायुक्त से मिलकर अपनी जान व माल की सुरक्षा की गुहार लगाएंगे।

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