बीज का अकाल, मचा बवाल

भागलपुर। ‘बाबू आय बीया नैय मिल्लै तैय खेती चौपट हो जैते। अगर राति
वर्षा हो गैलय तैयार बिचड़ा ले ली बीया की बुआई में बहुत परेशानी हो तैय।’
यह कहते- कहते जगदीशपुर प्रखंड के खुटहा निवासी किसान राम जनम यादव की
आंखें नम हो गई। वे गुरूवार को अनुदानित दर पर धान का बीज लेने कृषि
कार्यालय परिसर स्थित बीज निगम के गोदाम आए थे। लेकिन उन्हें बीज की कमी
कहकर खाली हाथ लौटा दिया गया। ऐसी पीड़ा सिर्फ रामजनम की नहीं बल्कि जिले के
दर्जनों किसानों की है, जो मानसून के बावजूद बिचड़ा नहीं तैयार कर पा रहे
हैं क्योंकि उन्हें उनकी पसंद का बीज नहीं मिल रहा। गुरुवार को बीज नहीं
मिलने से नाराज दर्जनों किसान कृषि विभाग व बीज निगम को कोस कर लौट गये तो
कुछ ने गोदाम के आगे प्रदर्शन कर अपना रोष जाहिर किया। दरअसल, दोपहर 12 बजे
तक बीज का वितरण सुचारू रूप से चल रहा था लेकिन स्थानीय कृषि विभाग के एक
अधिकारी ने बीज वितरण पर यह कहकर रोक लगा दी कि अगर सब किसानों को बीज बांट
दिया जाएगा तो डीलरों को क्या मिलेगा। जबकि इस बार कृषि विभाग ने खरीफ
फसलों में किसानों को मनमाना बीज अनुदानित दर पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था
की थी। लेकिन जब वितरण की बारी आई तो व्यवस्था की पोल खुल गई। बीज निगम के
कर्मचारियों का कहना है कि किसानों के बीच सबसे ज्यादा राजेन्द्र मंसूरी
बीज की मांग है जबकि इसकी आपूर्ति बीज निगम के गोदाम में काफी कम है। ऐसे
में बीज का अकाल स्वाभाविक है। किसानों का कहना है कि वे डीलर के यहां से
बीज लेना नहीं चाहते क्योंकि डीलर बीज के नाम पर उनका आर्थिक शोषण करते
हैं।

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क्या कहते हैं अधिकारी

भागलपुर। जिले में बीज की कमी को देखते हुए जिला कृषि पदाधिकारी दिनेश
प्रसाद सिंह ने गुरुवार को पूरे मामले से कृषि उत्पादन आयुक्त अशोक कुमार
सिंहा को अवगत कराते हुए त्राहिमाम भेजा है। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया
कि धान के कुल आठ हजार क्विंटल बीज वितरण का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन अभी
तक महज दो हजार क्विंटल बीज ही उपलब्ध कराया गया है। बताया कि राजेन्द्र
मंसूरी की उपज पिछले साल अधिक होने के कारण इसकी डिमांड काफी बढ़ गई है।
जिसे पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।

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