केंद्रीय मुआवजे से गैस पीड़ित संतुष्ट नहीं

भोपाल। भोपाल के गैस पीड़ित सात संगठनों ने बुधवार को यहां संयुक्त रूप
से मुआवजा देने की मंत्रिसमूह की अनुशंसा को गैस पीड़ितों के साथ
विश्वासघात करार दिया और मंत्री समूह की रिपोर्ट की कड़ी भ‌र्त्सना की।
उन्होंने भोपाल के सभी गैस पीड़ितों को मुआवजा दिलाए जाने की मांग की।

भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के अब्दुल जब्बार, भोपाल गु्रप फार
एक्शन के सतीनाथ षडंगी एवं रचना ढींगरा, भोपाल गैस पीडित निराश्रित पेंशन
भोगी संघर्ष मोर्चा के बालकृष्ण नामदेव आदि ने बुधवार को यहां एक संयुक्त
संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मंत्री समूह ने पीड़ितों को राहत एवं पुनर्वास
का झूठा आश्वासन देकर मुआवजा, पुनर्वास और कंपनी के जिम्मेदारी जैसे गंभीर
मुद्दों को नजरअंदाज किया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री समूह की रिपोर्ट अमेरिकी कंपनियों की
भलाई के लिए तैयार की गई है पीड़ितों के लिए नहीं। जब्बार ने संवाददाताओं को
बताया कि बुधवार को ही सभी संगठनों के प्रतिनिधि दिल्ली जाएंगे और
प्रधानमंत्री से आग्रह करेंगे कि मंत्रिमंडल की बैठक में इस मामले में कोई
निर्णय लिए जाने से पहले वे गैस पीड़ित संगठनों से चर्चा करें। इसके लिए
गुरूवार को नई दिल्ली में यह संगठन एक दिन का धरना भी देंगे।

जब्बार ने कहा कि मंत्री समूह ने मुआवजे पर जो फैसला किया है वह गैस से
पहुंची क्षति के आकलन के उस दोषपूर्ण तरीके पर आधारित है जो यूनियन
कार्बाइड की वजह से हुई मौतों और बीमारियों को कम करके बताने के लिए ही
तैयार किया गया था।

उन्होंने कहा कि मंत्री समूह की सिफारिशों के अनुसार 90 प्रतिशत से भी
अधिक गैस पीड़ितों को मुआवजे का लाभ नहीं मिल पाएगा।

रचना ढींगरा ने कहा कि भोपाल गैस पीड़ितों के इलाज और पुनर्वास के लिए
संगठनों की अधिकृत आयोग की मांग को नजर अंदाज कर मंत्री समूह ने पीड़ितों के
इलाज और आर्थिक सामाजिक एवं पर्यावरणीय पुनर्वास के लिए 720 करोड़ रुपये
प्रदेश सरकार को देने की अनुशंसा की है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस पर पहले ही 530 करोड़ रुपये से ज्यादा
खर्च कर चुकी है पर इससे गैस पीड़ितों को कोई लाभ नहीं हुआ। 720 करोड़ रुपये
की राशि का भी यही हश्र होगा और अधिकांश राशि मंत्रियों एवं अधिकारियों की
जेब में चली जाएगी।

संगठनों ने इस बात पर भी क्षेभ जताया कि मंत्री समूह ने यूनियन
कार्बाइड कारपोरेशन अमेरिका और यूनियन कार्बाइड ईस्टर्न हांगकांग के अधिकृत
प्रतिनिधियों के प्रत्र्यापण के संबंध में भी कोई अनुशंसा नहीं की है।

उन्होंने कहा कि मंत्री समूह ने जनता के धन से 300 करोड़ रुपये जहरीले
कचरे की सफाई के लिए देने का प्रस्ताव किया है जबकि इस जहर की सफाई की
कानूनी जिम्मेदारी दाऊ केमिकल्स की है।

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