पटना फसल कटनी प्रयोग से उत्पादकता का निर्धारण होता है। ऐसी
स्थिति में फसल कटनी को वास्तविक स्वरूप दिया जायेगा। कृषि विभाग के प्रधान
सचिव के अनुसार फसल कटनी को गंभीरता से लिया जायेगा। इसके लिए किसान
सलाहकार व विषय वस्तु विशेषज्ञ के कायरें को परिभाषित करने का निर्देश दिया
गया है।
फसल प्रत्यक्षण कार्यक्रम : कृषि विभाग के अनुसार पैदावार में वृद्धि
के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत फसल प्रत्यक्षण कार्यक्रम चलाया जा
रहा है। प्रत्यक्षण कार्यक्रम को अब अधिकाधिक संख्या में खेतों में चलाया
जायेगा। इससे पैदावार में वृद्धि होगी। आसपास के खेतों में भी किसान इसका
अनुकरण करेंगे।
संकट दूर : विषय वस्तु विशेषज्ञों की नियुक्ति से कृषि विभाग में
पंचायत स्तर पर कर्मियों का संकट दूर हो गया है। इनका उपयोग प्रत्यक्षण
कार्य से उत्पादकता की वास्तविक स्थिति के आकलन में होगा। इसके साथ ही
किसान सलाहकार व विषय वस्तु विशेषज्ञों के कायरें को परिभाषित किया जायेगा।
इन दोनों का कार्य एक जैसा होने के कारण फर्क करना मुश्किल हो रहा है।
फसल कटनी : इसे दो स्तरों पर चलाया जायेगा। कृषि विभाग ने अपने स्तर से
कटनी प्रयोग के अलावा सांख्यिकी विभाग के कायरें में भी कर्मियों को सहयोग
का निर्देश दिया है ताकि कृषि की सही तस्वीर उभरकर सामने आ सके। कृषि
विभाग के नवनियुक्त विषय वस्तु विशेषज्ञों की जिम्मेवारी विभागीय
प्रत्यक्षण, बीज ग्राम व मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना के तहत
प्राप्त बीज से हो रही खेती की फसल कटनी को मूर्त रूप देने की होगी।
कार्यक्रमों का आयोजन : प्रत्यक्षण की सुविधा देने के लिए कृषि विज्ञान
केन्द्रों पर भी सरकारी कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। सम्प्रति कृषि
विज्ञान केन्द्र के फार्म में राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकास
कायरें को लागू किया जाता है। कृषि विभाग के अनुसार विश्वविद्यालय को राशि
का संकट होने की स्थिति में विज्ञान केन्द्र के फार्म का विकास व
यांत्रिकीकरण सरकार के स्तर से किया जायेगा।