नालागढ़ : कृषि विभाग विकास खंड नालागढ़ के कृषि विशेषज्ञ डा. डीआर
ठाकुर ने बताया कि केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय ने राष्ट्रीय कृषि बीमा
योजना को इस वर्ष से खरीफ फसल के बीमा के लिए भी भारत सरकार द्वारा
स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। यह योजना भारतीय कृषि बीमा कंपनी समिति के
माध्यम से लागू होगी। इस बीमा योजना के अंर्तगत मक्की, धान, आलू व अदरक की
फसलों को चुना गया है। मक्की व धान के अंतर्गत जिला किन्नौर व लाहौल स्पीति
को शामिल किया गया है। आलू का बीमा केवल आठ जिलों में होगा, जिनमें सोलन,
ऊना, हमीरपुर व बिलासपुर को शामिल नहीं किया गया है। बाकी के सभी आठ जिलों
में यह योजना लागू की गई है। अदरक के लिए केवल सिरमौर को ही चुना गया है।
राष्ट्रीय कृषि बीमा के अंतर्गत जो जोखिम आते हैं उनमें कुदरती आग व
आसमानी बिजली के कारण फसल खराब होने, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, तीव्र
आंधी तूफान, सूखा एवं खुश्क अंतराल, नाशकारक वस्तु, हानिकारक कीटों एवं
बीमारियों के खतरे शामिल हैं। डा. डीआर ठाकुर ने बताया कि हिमाचल सरकार ने
निर्णय लिया है कि इस योजना के अंतर्गत लघु एवं सीमांत किसान कुल प्रीमियर
राशि का 50 फीसदी भाग की अदायगी करेगा व 50 फीसदी अनुदान के रूप में सरकार
वहन करेगी। इसमें 45 फीसदी राज्य सरकार व पांच फीसदी केंद्र सरकार अदा
करेगी। उन्होंने कहा कि नालागढ़ उपमंडल की मक्की व धान की फसल को इस योजना
में शामिल किया गया है।