नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो : भ्रष्ट मुलाजिमों पर दिल्ली उच्च न्यायालय का
नजला गिर गया है। जस्टिस शिव नारायण धींगड़ा ने कहा है कि देश अगर किसी
क्षेत्र में तरक्की कर रहा है तो वह है भ्रष्टाचार। ज्यादातर सरकारी विभाग
भ्रष्ट मुलाजिमों से भरे पड़े हैं। ये वो लोग हैं जो गरीब जनता की बेहतरी के
लिए आए सरकारी धन को चट करते हुए अपनी जेबें भरते हैं। डीडीए हो, दिल्ली
पुलिस या फिर एमसीडी, सभी विभागों में 90 फीसदी से ज्यादा कर्मचारी भ्रष्ट
हैं।
उच्च न्यायालय में जमानत के लिए पेश एक मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस
एसएन धींगड़ा ने समाज में पनप रहे भ्रष्टाचार पर खासा प्रहार किया है।
जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्होंने अपनी तीखी टिप्पणियों में साफ कर
दिया कि भ्रष्टाचार में लिप्त मुलाजिमों की जगह सिर्फ जेल है। अपने फैसले
में अदालत ने कहा कि आम जनता तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पा रहा
है। पेश मामला सरकारी योजनाओं की हकीकत बयां कर रहा है।
खारिज करते हुए अदालत की ओर से ये टिप्पणियां आई। सीबीआई ने बीती 13 मई को
जाल बिछाकर रंगे हाथों धर दबोचा था। एक युवती ने सीबीआई के एसपी से संपर्क
कर बताया था कि प्राइम मिनिस्टर इम्प्लायमेंट जेनरेशन प्रोग्राम के तहत दो
लाख रुपये के लोन का चेक देने के लिए बैंक का उक्त अधिकारी 20 हजार रुपये
की रिश्वत मांग रहा है। बात पांच हजार रुपये पर तय हुई और रिश्वत लेने के
दौरान बैंक अधिकारी दबोच लिया गया। निचली अदालत ने जमानत अर्जी खारिज कर दी
तो उसने उच्च न्यायालय से गुहार लगाई। लेकिन हाईकोर्ट ने फरियाद नामंजूर
करते हुए जमानत देने से इंकार कर दिया है